गगरेट अस्पताल के नए भवन का काम थमा

Update: 2024-04-30 12:22 GMT
गगरेट। लंबे अरसे से एक अदद भव्य भवन के लिए तरस रहे सिविल अस्पताल गगरेट को जल्द नया भवन मिलने की संभावनाएं क्षीण हो गई हैं। पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल में सिविल अस्पताल गगरेट के नए भवन को करीब ग्यारह करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत होने के बाद पूर्व सरकार के कार्यकाल में ही इसका निर्माण कार्य तो शुरू हुआ लेकिन अब करीब अस्सी प्रतिशत कार्य पूरा हो जाने के बाद इसका निर्माण कार्य रुक जाने में बजट ही रोड़ा बना है। करीब ग्यारह करोड़ रुपये स्वीकृत होने के बावजूद अभी तक इस भवन के निर्माण के लिए छह करोड़ रुपये के करीब ही पैसे लोक निर्माण विभाग को मिले हैं जबकि पांच करोड़ रुपये का बजट न मिलने के कारण ठेकेदार ने आगे काम चालू रखने से हाथ खड़े कर दिए हैं। ऐसे में क्षेत्रवासियों को अस्पताल के नए भवन के लाभ के लिए अभी इंतजार ही करना पड़ेगा। गगरेट अस्पताल को सिविल अस्पताल का दर्जा मिलने से बेशक स्टाफ तो बढ़ गया लेकिन अभी भी यह अस्पताल पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों के समय के भवन में ही चल रहा है। कई वर्ष पुराना अस्पताल भवन जर्जर व पुराना है।
पूर्व भाजपा सरकार के समय सिविल अस्पताल गगरेट को नया भवन दिलाने के लिए तत्कालीन विधायक राजेश ठाकुर ने जद्दोजहद की तो इस भवन के निर्माण के लिए करीब ग्यारह करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत हुआ तो पूर्व विधायक राजेश ठाकुर के समय में ही इसका शिलान्यास भी हुआ। अस्पताल के नए भवन के निर्माण को ठेकेदार ने युद्धस्तर पर चलाया तो अस्पताल का अस्सी प्रतिशत कार्य पूरा भी हो गया लेकिन इसके चलते ठेकेदार के करीब अढ़ाई करोड़ रुपये के बिल फंस गए। हालात अब यह हो गए हैं कि स्वास्थ्य विभाग की ओर से बकाया बजट ही जारी नहीं किया गया है। अब तक लोक निर्माण विभाग को सिर्फ छह करोड़ रुपये ही मिले हैं, जबकि अभी भी करीब पांच करोड़ रुपये लोक निर्माण विभाग को ट्रांसफर नहीं हुए हैं। फंडस की कमी के चलते ठेकेदार ने भी अब काम जारी रखने से हाथ खड़े कर दिए हैं। सिविल अस्पताल के नए भवन में ओपीडी, रोगी वार्ड, डेंटल ओपीडी, शिशु वार्ड, ब्लड बैंक, शवगृह के साथ-साथ मल्टी स्टोरी बिल्डिंग में लिफ्ट की व्यवस्था का भी प्रावधान है। हालांकि पांच करोड़ रुपये तो भवन का निर्माण कार्य पूरा करने के लिए ही चाहिए जबकि इसमें लिफ्ट की व्यवस्था, फायर फाइटिंग सिस्टम, बिजली की फिटिंग के साथ अन्य कार्यों के लिए अलग से छह करोड़ रुपये के बजट की दरकार है। उधर लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एचजी कौशल का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग को बजट उपलब्ध करवाने को कहा है। बजट आने के बाद ही निर्माण कार्य पूरा हो सकेगा।
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