शराबबंदी के पक्ष में महिलाएं, बनाई 'मूसल सेना'

Update: 2023-04-29 04:33 GMT

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सतना (आईएएनएस)| शराब ने खासकर ग्रामीण इलाकों और वहां रहने वाली महिलाओं की जिंदगी को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है और यही कारण है कि हर महिला शराबबंदी के पक्ष में है। सतना जिले के बड़ा इटमा गांव में महिलाओं ने शराबियों को सबक सिखाने के लिए मूसल सेना तक बना ली है। सतना जिले की बड़ा इटमा ग्राम पंचायत के लोग सामाजिक कुरीति को मिटाने के लिए ²ढ़ संकल्पित है और इसके लिए वे लगातार फैसले भी कर रहे हैं। सरकार ने भले ही शराब बंदी न की हो मगर इस गांव के लोगों ने मिल बैठकर शराब बंदी का फैसला कर लिया है।
बताया गया है कि पिछले दिनों सरपंच गीता पांडे के नेतृत्व में गांव वालों की बैठक हुई और उसमें एकमत होकर फैसला लिया गया कि गांव में अब शराब न तो किसी को पीने देंगे और न ही बिकने देंगे, जो भी ऐसा करेगा, उसका सामाजिक बहिष्कार किया जाएगा।
ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से यही फैसला किया है कि ग्राम पंचायत में कोई भी शराब की बोतल के साथ नजर आएगा या शराब पीता नजर आएगा तो उस पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। यह राशि पंचायत को देना होगी और अगर वह जुर्माना अदा नहीं करता है तो उसका सामूहिक बहिष्कार किया जाएगा। एक तरफ जहां पंचायत में यह फैसला लिया है, वहीं महिलाओं ने मूसल सेना बनाई है। उनका कहना है कि वह शराबियों की हुड़दंग से परेशान हो चुकी है और अब उन्होंने शराब पीकर हुड़दंग करने वालों के खिलाफ यह सेना बनाई है।
संभवत यह अपने तरह की अलग ही सेना है। यह मुसल लकड़ी का एक औजार होता है जो धान आदि के कूटने के काम में आता हैं। अब महिलाएं इसके जरिए शराबियों को कूटने की तैयारी कर चुकी है।
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