दिल्ली। आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता मयंक गांधी ने न्यूज़ एजेंसी से बात करते हुए विधानसभा चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल के 'रेवड़ी' (मुफ्त में सामान) देने के वादों की आलोचना की। उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर पार्टी के शुरुआती मूल्यों से समझौता करने का आरोप लगाया। मयंक गांधी ने अरविंद केजरीवाल पर राजनीतिक लालच और सत्ता के लिए पार्टी के मूल सिद्धांतों को त्यागने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "हम वैकल्पिक राजनीति के लिए 'आप' में शामिल हुए थे। हममें से कोई भी पेशेवर राजनीतिज्ञ नहीं था। हम देश को बदलना चाहते थे। लेकिन केजरीवाल सत्ता के लालच में इस कदर डूब गए कि उन पार्टियों से भी बदतर हो गए, जिन्हें हम बदलना चाहते थे। केजरीवाल ने पार्टी के शुरुआती मूल्यों से समझौता किया और उन व्यक्तियों के साथ गठबंधन किया, जिन्हें वह कभी भ्रष्ट मानते थे। हमारे पास सिद्धांत थे, लेकिन आज, वे सभी त्याग दिए गए हैं। पार्टी में एक ही पद बचा है, एक परिवार से एक ही व्यक्ति पद पर रहेगा, यह भी जल्द ही खत्म हो जाएगा।"
निराशा व्यक्त करते हुए मयंक गांधी ने खुलासा किया कि उन्होंने 2015 में राजनीति छोड़ दी थी और अब किसानों के साथ काम करते हैं। आपातकाल के दौरान राजनीतिक माहौल की तुलना करते हुए उन्होंने दावा किया कि जैसे तब जनता के साथ विश्वासघात किया गया था, वैसे ही 'आप' ने अब लोगों को धोखा दिया है।
उन्होंने केजरीवाल के नेतृत्व की आलोचना करते हुए दावा किया कि 'आप' ने पार्टी के अंदर स्वतंत्र विचार रखने वालों को हाशिए पर डाल दिया। केजरीवाल ने मुझसे एक बार कहा था : "मुझे पार्टी में दिमाग वाले लोग नहीं चाहिए, बस वे चाहिए जो मेरी बात मानें"। इसलिए कई सक्षम व्यक्ति पार्टी छोड़कर चले गए।
मुफ्त चुनावी वादों को लेकर उन्होंने कहा कि देश के लिए मुफ्त चीजें खतरनाक हैं। दक्षिण अमेरिका के एक देश वेनेजुएला को याद करें। यह विकसित देशों में से एक हुआ करता था, लेकिन अब देखिए कि यह कहां है। दुर्भाग्य से, यह प्रवृत्ति फैल रही है। महाराष्ट्र की राजनीति पर बोलते हुए मयंक गांधी ने कहा कि यहां केवल सत्ता की भूख है। ऐसी राजनीति देश के लिए हानिकारक है।