5 घंटे एम्बुलेंस में तड़पती रही महिला, CMO का लेटर भी नहीं आया काम, अस्पताल में नहीं हो पाई भर्ती, फिर...

एक हफ्ते पहले बच्चे को जन्म दिया था...

Update: 2021-03-31 04:31 GMT

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लखनऊ में करोना वायरस से संक्रमित महिला एंबुलेंस में इलाज के लिए घंटों तड़पती रही. लेकिन उसे पीजीआई अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया. ऑक्सीजन खत्म होते देख आनन-फानन में परिजनों ने गोमती नगर के एक निजी अस्पताल में ले जाकर महिला को भर्ती कराया फिर महिला का इलाज शुरू हुआ.

जानकारी के मुताबिक जिला प्रयागराज की रहने वाली 28 साल की रूपाली ने एक हफ्ते पहले बच्चे को जन्म दिया था इसके बाद अस्पताल में ही रूपाली के 28 मार्च को कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई थी. परिजनों ने अस्पताल में एडमिट कराया था पर बच्चे की रिपोर्ट नेगेटिव थी.
महिला को सांस लेने में दिक्कत होने पर डॉक्टरों ने पीजीआई लखनऊ रेफर कर दिया. इसके बाद परिजन एंबुलेंस लेकर पीजीआई अस्पताल पहुंचे. मरीज के परिजनों के पास प्रयागराज सीएमओ का लेटर भी था बावजूद इसके करीब 5 घंटे महिला एम्बुलेंस में महिला तड़पती रही.
इस दौरान परिजनों ने अस्पताल प्रशासन और अफसरों को फोन भी किया गया बावजूद इसके महिला को पीजीआई में एडमिट नहीं किया जा सका. बताया जा रहा है कि महिला एंबुलेंस में बाई पैक और ऑक्सीजन सपोर्ट पर थी इसके बाद सिलेंडर में ऑक्सीजन खत्म होने लगी. परिजनों ने ऑक्सीजन खत्म होते देख गोमती नगर स्थित निजी अस्पताल में जाकर भर्ती कराया जहां उसका इलाज शुरू किया जा सका.
इस घटना ने स्वास्थ्य विभाग पर कई सवाल खड़े किए हैं. पीजीआई की पीआरओ डॉक्टर कुसुम के मुताबिक, पीजीआई में कोविड-19 अस्पताल में 60 बेड की ही क्षमता है. जबकि 60 से ज्यादा मरीज वॉर्ड में भर्ती हैं. इसके अलावा पोर्टल पर मरीज की कोई डिटेल अपलोड भी नहीं की गई थी.
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