Jaipur. जयपुर। जयपुर में अकेले कार ड्राइवर को देख लिफ्ट लेना और फिर झूठे केस में फंसाने वाली एक शातिर महिला को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पुलिस ने जब रिकॉर्ड खंगाला तो पता चला आरोपी महिला 8 अलग-अलग नाम से झूठे केस करवा चुकी है।आरोपी महिला त्रिशा राठौड़ 13 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करवा चुकी है। वहीं त्रिशा की ब्लैकमेलिंग से परेशान होकर 12 लोग उसके खिलाफ मामला दर्ज करवा चुके है। आरोपी महिला को पुलिस ने मंगलवार को विद्याधर नगर स्थित रमाड़ा होटल से गिरफ्तार किया है। आरोपी महिला मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के नाना खेड़ा की रहने वाली है। फिलहाल वह जयपुर के वैशाली नगर में रहती है।
डीसीपी वेस्ट अमित कुमार ने बताया कि 22 अगस्त को एक युवक ने वैशाली नगर थाने में त्रिशा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। रिपोर्ट में बताया कि 18 अगस्त को वैशाली नगर में एक महिला ने उससे लिफ्ट मांगी। इस दौरान उसने पीड़ित के मोबाइल नंबर भी ले लिए। कार में बैठने के कुछ देर बाद वह छेड़छाड़ का झूठा आरोप लगाकर पैसे मांगने लगी। इस पर उसे कुछ रुपए दिए और वह निकल गई। पीड़ित ने बताया कि 18 अगस्त की शाम दोबारा उसका फोन आया और कहा कि सोने की चैन उसके कार में गिर गई है। इसके बदले उसने 1 लाख रुपए मांगे। जब रुपए देने से मान कर दिया तो झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। इससे परेशान होकर पीड़ित थाने पहुंचा और मामला दर्ज करवाया।
शिकायत मिलने के बाद जब महिला आरोपी का रिकॉर्ड खंगाला गया तो 8 अलग-अलग नाम सामने आए। इनमें त्रिशा राठौड़, त्रिशा खान, नूनहार, नूनी , शानू, नूरी, निशा, नूना नाम थे। सामने आया कि महिला ने महिला गरिमा हेल्प लाइन पर इन नाम से अलग-अलग शिकायतें कर रखी है। महिला शहर के वैशाली और चित्रकूट नगर में कार ड्राइवर को अकेला देख उनसे लिफ्ट मांगती और झूठे केस में फंसाने की धमकी देती।
पुलिस जांच में ये भी सामने आया कि आरोपी महिला कई साल से अलग-अलग नाम से कई लोगों पर झूठा केस चुकी है। युवती त्रिशा के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने के बाद उसकी तलाश पुलिस ने शुरू कर दी। 27 अगस्त को पुलिस को सूचना मिली की युवती होटल रमाडा विद्याधर नगर में है। इस पर टीम को मौके पर भेजा और गिरफ्तार किया। पूछताछ में उसने बताया कि वह कई लोगों को झूठा केस में फंसाने की धमकी देकर रुपए ऐंठ चुकी है। आरोपी महिला ने बुराड़ी (दिल्ली) में भी महिला गरिमा हेल्प लाईन पर झूठी रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इस शिकायत के आधार पर वह झूठे केस में फंसा कर रुपए ऐंठती थी। पुलिस जांच में अवैध रूप से लेने देने के सबूत भी मिले है। करवा