प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ के सुहागपुरा थाना क्षेत्र के गांनावो का फला गांव में आज सुबह एक महिला पशुओं के लिए चारा काटने के लिए गई थी, इस दौरान महिला को जहरीले जीव ने काट लिया। महिला वहीं बे सुध होकर गिर गई। ग्रामीणों ने देखा तो परिजनों को सूचना दी। परिजन महिला को जिला अस्पताल लेकर आए, जहां पर उपचार के दौरान महिला ने दम तोड़ दिया। सुहागपुर थाना पुलिस जिला अस्पताल की मॉर्च्युरी पहुंची। यहां परिजनों ने बताया कि राजूबाई (49)पत्नी कालिया मीणा खेत पर गाय के लिए चारा काटने गई थी। इस दौरान जहरीले जीव ने काट लिया और महिला बेसुध होकर गिर गई, जिस पर ग्रामीण और परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर आए। जहां पर इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजनों की रिपोर्ट पर पुलिस ने पोस्टमॉर्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया। मृतक महिला का पूरा परिवार खेती और मजदूरी करता है। गौरतलब है हर साल जहरीले जीव के काटने से इलाज में देरी होने से 5 से 6 लोगों की मौत होती है। जिले में तीन प्रजाति के जहरीले सांप पाए जाते हैं। वाइपर, क्रेज और कोबरा। डॉक्टरा का मानना है यदि मरीज को समय रहते जिला अस्पताल लेकर पहुंचे तो मरीज को बचाया जा सकता है।
क्षेत्र के आंबीरामा ग्राम पंचायत से छायणी मुख्य सड़क के साथ ही सड़क पर बनाया गया पुल भी क्षतिग्रस्त होने से आमजन परेशान है। साल 2014 में तत्कालीन जनजाति केबिनेट मंत्री नंदलाल मीणा के प्रयासों से 7 किमी सड़क की वित्तीय स्वीकृति के बाद सड़क का निर्माण कराया गया। सड़क बनने के साथ ही ग्रामीणों को आवागमन में होने वाली परेशानियां कही हद तक समाप्त हो गई थी, लेकिन सड़क धीरे-धीरे खराब होती गई। समय रहते किसी ने सुध नहीं ली। न ही सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग ने इस ओर ध्यान दिया, जिससे सड़क की हालत बद से बदतर हो गए हैं। सड़क तो खस्ताहाल है ही । साथ ही सड़क पर बने छोटे-बडे़ पुल भी बह गए है या क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। वहीं चुनाव दौरान जनप्रतिनिधि बड़े-बडे़ दावे जनता से करते हैं, लेकिन पिछले 9 वर्षों में भी सड़क की सुध नहीं ली गई है। ग्रामीण शांतिलाल मीणा, बाबूलाल मीणा ने सरकार और विभाग पर आरोप लगाया कि हमनें सड़क को लेकर सरकार द्वारा जनहित में लगाए गए शिविरों के माध्यम से कई बार समस्या से अवगत कराया, लेकिन अभी तक हमारी सुध किसी ने नहीं ली। वहीं सार्वजनिक लोक निर्माण विभाग के एईएन दिलीप कुमार के अनुसार सभी सड़कों के प्रपोजल बनाकर सरकार को भिजवा रखा है। वित्तीय स्वीकृति मिलने के साथ ही सड़क का निमार्ण कराया जाएगा।