जयपुर: भारत जोड़ो यात्रा के राजस्थान पहुंचने से पहले राजस्थान कांग्रेस में फिर घमासान मच सकता है. भारतीय जनता पार्टी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि राजस्थान कांग्रेस के मंत्रियों का दावा है कि उनकी पार्टी के 90 से ज्यादा विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन तीन बीतने के बाद भी इस्तीफे पर विधानसभा अध्यक्ष ने फैसला नहीं लिया है.
राजस्थान हाई कोर्ट में प्रदेश के उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने याचिका में कहा है कि नियम के अनुसार स्वेच्छा से दिये हुए इस्तीफे पर विधानसभा अध्यक्ष को फैसला लेना चाहिए. राजेंद्र राठौड़ कल सुनवाई में खुद इस मामले की पैरवी करेंगे.
बता दें कि मध्य प्रदेश के बाद कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा का अगला पड़ाव राजस्थान है. इसे लेकर तैयारियां भी जोर-शोर से चल रही हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों में पार्टी के अंदर ही राजस्थान में बन रहे सियासी माहौल ने आलाकमान को टेंशन में डाल दिया है. सीएम गहलोत और सचिन पायलट के बीच अनबन की खबरों के बीच एक बैठक भी आयोजित हो चुकी है.
हाल ही में सीएम अशोक गहलोत ने सचिन पायलट को गद्दार कहा और बोले कि वो (पायलट) कभी राज्य के सीएम नहीं बन सकते. गहलोत ने कहा था कि विधायक किसी ऐसे को कैसे स्वीकार कर सकते हैं, जिसने विद्रोह किया हो, जिसे गद्दार करार दिया गया हो. वह सीएम कैसे बन सकता है? विधायक ऐसे शख्स को सीएम के रूप में कैसे स्वीकार कर सकते हैं. मेरे पास सबूत हैं कि विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये बांटे गए थे, ताकि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार को गिराया जा सके.'
अशोक गहलोत के बयान पर सचिन पायलट की ही प्रतिक्रिया आई थी. उन्होंने कहा था, 'मैंने अशोक गहलोत की बात सुनी. पहले भी उन्होंने बहुत बातें मेरे बारे में बोली हैं. इस प्रकार के झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाने की आज जरूरत नहीं है. आज जरूरत इस बात की है कि हम कैसे पार्टी को मजबूत करें.' पायलट ने यह भी कहा था कि गहलोत सीनियर और अनुभवी नेता हैं. मुझे नहीं पता कि कौन उन्हें मेरे बारे में झूठे और बेबुनियाद आरोप लगाने की सलाह दे रहा है.