पटना: बिहार में सियासी संकट के दौर से गुजर रही कांग्रेस को एक बार फिर राजनीतिक रूप से एक्टिव करने की कवायद शुरू हो गई है. बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा के इस्तीफे के बाद नए अध्यक्ष को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है. इस बीच एक ऐसी खबर सामने आई है, जिसके बारे में जानकर वर्षों से कांग्रेस की सेवा करने वाले नेता भी परेशान हो गए हैं.
माना जा रहा है कि बिहार कांग्रेस की कमान कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) के हाथों में जा सकती है. बिहार में राजद और कांग्रेस की राह अलग है. इसका एक कारण कन्हैया कुमार का कांग्रेस से जुड़ना भी बताया जा रहा है. जानकारों का मानना है कि अगर फैसला राहुल गांधी के हाथों होता है तो कन्हैया कुमार ही बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष होंगे.
बिहार के सियासी पंडितों की मानें तो कन्हैया भूमिहार जाति से आते हैं. यदि कांग्रेस को बिहार में बीजेपी को चुनौती देनी है तो पार्टी के पास कन्हैया कुमार के अलावा कोई विकल्प मौजूद नहीं है. जानकारों का कहना है कि कन्हैया के आने से बिहार के भूमिहार युवा जो फिलहाल बीजेपी के पाले में वह कांग्रेस की तरफ आ सकती है.
कन्हैया कुमार बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष होंगे इस पर फिलहाल प्रदेश के राजनेता बयान देने से बच रहे हैं. इसी बीच बिहार कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष की रेस में कई और भी आगे चल रहे हैं. सदाकत आश्रमा का नाम भी सुर्खियों में है. इसके साथ ही दलित जाति से आने वाली मीरा कुमार का नाम भी बिहार प्रदेश अध्यक्ष की रेस में आगे माना जा रहा है. वहीं, तारीक अनवर, दलित नेताओं में विधायक राजेश कुमार और विधायक दल के पूर्व नेता अशोक राम के नाम भी लिए जा रहे हैं.
अगर मुस्लिम समुदाय की बात कर ली जाए तो शकील अहमद खान का नाम सबसे ऊपर चल रहा है . शकील खान फिलहाल पार्टी के विधायक हैं. वैसे नामों को लेकर चल रही अटकलों के बीच अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी किस एक नाम को मिलती है इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं.