पुलिसकर्मी ने बेटे की शादी में नहीं लिया दहेज, लड़की वाले दे रहे थे 5 लाख नकदी
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राजस्थान। बूंदी जिले से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक शख्स ने दहेज प्रथा के खिलाफ बड़ी मिसाल पेश की. शिवराज सिंह पुलिस विभाग में चालक के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने यह कदम अपने बेटे नरेंद्र सिंह हाड़ा की शादी के दौरान उठाया.
शादी भीलवाड़ा जिले के गणोली में संपन्न हुई. दुल्हन कुसुम कंवर के पिता प्रभु सिंह शक्तावत ने तिलक की रस्म के दौरान दहेज में 5 लाख 11 हजार रुपये कैश दिए. लेकिन यह रस्म पूरी होते ही दूल्हे के पिता शिवराज सिंह और दादा ने यह राशि वापस लौटा दी.
शिवराज सिंह ने कहा कि दहेज प्रथा को खत्म करना समाज की जिम्मेदारी है. यदि लोग दहेज लेने से मना करना शुरू कर दें, तो एक दिन यह प्रथा पूरी तरह खत्म हो सकती है. साथ ही उन्होंने दहेज के कारण हो रही घटनाओं और अपराधों पर भी चिंता जताई.
इस पहल को समाज में एक सकारात्मक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है. शिवराज सिंह ने साबित किया कि बदलाव की शुरुआत खुद से होती है. उनके इस कदम ने ना केवल दहेज प्रथा के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया, बल्कि समाज को नई सोच और प्रेरणा भी दी. शिवराज सिंह हाड़ा और उनके परिवार का यह कदम समाज में सुधार और जागरूकता की दिशा में एक बड़ा उदाहरण बन गया है. उनकी पहल यह संदेश देती है कि दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों के खिलाफ छोटे-छोटे प्रयास भी बड़े बदलाव ला सकते हैं. दहेज में मिल रहे रुपयों को लौटाने की बात पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है.