देहरादून (आईएएनएस)| उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति न होने को लेकर समय समय पर तमाम तरह के सवाल उठते आए। लेकिन बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट द्वारा एक ऐसा बयान लोकायुक्त को लेकर दिया गया है जिसके बाद फिर से चर्चाएं जोर पकड़ने लग गई हैं कि क्या वास्तव में भाजपा संगठन की तरह भाजपा सरकार भी लोकायुक्त को लेकर गंभीर है। उत्तराखंड में लोकायुक्त ना होने की वजह से भ्रष्टाचार की शिकायतों का निस्तारण जल्दी से नहीं हो पाता है। इसी को लेकर समय-समय पर लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर भी मांग उठती रहती है, लेकिन यह भी सच्चाई है कि 2017 के बाद किसी भी मुख्यमंत्री ने लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर कदम आगे नहीं बढ़ाए। यही वजह है कि लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर जो वादा भाजपा ने 2017 के विधानसभा चुनाव में अपने घोषणा पत्र में किया था, वह आज तक पूरा नहीं हो पाया है। लेकिन अब भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने एक बयान दिया है, कि लोकायुक्त की आवश्यकता महसूस की जा रही है और अभी लोकायुक्त को लेकर जो निर्णय होना है वह विधानसभा स्तर पर होना है।
कुल मिलाकर देखें तो भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष का यह बयान इसलिए भी मायने रखता है, क्योंकि इससे पहले कई बार भाजपा के नेता और मंत्री यहां तक कहते हुए नजर आए की भाजपा की सरकार करप्शन पर जीरो टॉलरेंस के नारे के साथ आगे बढ़ रही है, और लोकायुक्त की आवश्यकता फिलहाल नहीं है। लेकिन प्रदेश अध्यक्ष के इस बयान के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया कि क्या वास्तव में सरकार भी लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर गंभीर है लेकिन कांग्रेस सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रही है।
हालांकि प्रदेश में जिस तरीके से कुछ समय से लगातार भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे हैं, उससे लग रहा है कि वास्तव में लोकायुक्त की नियुक्ति उत्तराखंड में होती तो भ्रष्टाचार के मामलों पर कड़े फैसले आ सकते थे।
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के लोकायुक्त की जरूरत को लेकर दिए गए बयान के बाद अब देखना यही होगा कि आखिरकार जिन चर्चाओं को बल लोकायुक्त की आवश्यकता से नियुक्ति को लेकर मिल रहा है, क्या धामी सरकार लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर फैसला लेगी।