परियोजनाओं को पूरा करने में क्यों होती हैं देरी, नितिन गडकरी ने गिनाए ये कारण
अधिकांश सरकारी प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं होते. किसी न किसी वजह से उनमें देरी होती जाती है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अधिकांश सरकारी प्रोजेक्ट समय पर पूरे नहीं होते. किसी न किसी वजह से उनमें देरी होती जाती है. केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Transport and Highways Minister Nitin Gadkari) ने इस देरी की वजह बताई है. गडकरी ने शुक्रवार को कहा कि भारत में सिस्टम के कारण अधिकतम परियोजनाओं में देरी हो रही है. उन्होंने एससीएल इंडिया 2021 सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "मैं किसी पर कोई आरोप नहीं लगाना चाहता, लेकिन सिस्टम के कारण अधिकतम परियोजनाओं में देरी हो रही है. सरकारी प्रणाली में निर्णय नहीं लेना और निर्णय में देरी करना एक बड़ी समस्या थी'.
PM मोदी ने बनाई कमेटी
नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि हर जगह निर्णय लेने में इतनी देरी होती है, जिससे परियोजनाओं की लागत बढ़ती जाती है. उन्होंने बोलते हुए आगे कहा कि हम सभी जानते हैं कि निर्माण भारत में रोजगार के अवसर पैदा करने वाले प्रमुख क्षेत्रों में से एक है. कृषि के बाद, यह हमारे सकल घरेलू उत्पाद में योगदान के मामले में दूसरे स्थान पर आता है. गडकरी ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी अध्यक्षता में एक कमेटी का गठन किया है.
किसी का नाम नहीं लिया
सड़क परिवहन और राजमार्ग ने कहा कि प्रधानमंत्री ने मेरी अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की है. हम हमेशा देश की बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से जुड़े मुद्दे को सुलझाने की कोशिश करते हैं. एससीएल इंडिया 2021 सम्मेलन का विषय था- 'निर्माण कानून और मध्यस्थता: आगे का रास्ता'. इसी पर बोलते हुए गडकरी ने कहा कि सिस्टम की वजह से परियोजनाओं में देरी हो जाती है. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि सिस्टम में किन लोगों की वजह से देरी होती है.
इलेक्ट्रिक कारों पर कही ये बात
इलेक्ट्रिक कारों के मुद्दे पर हाल ही में नितिन गडकरी कहा था कि वो इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनियों से बात कर रहे हैं, बातचीत फाइनल राउंड में है. जल्द ही पेट्रोल-डीजल और इलेक्ट्रिक कारों की कीमत भारत (Electric Vehicles in India) में एक सामान हो जाएंगी. उन्होंने कहा था कि भारत ईवी क्रांति की ओर आगे बढ़ रहा है. जिसमें 250 स्टार्टअप व्यवसाय लागत प्रभावी ईवी प्रौद्योगिकी निर्माण में लगे हुए हैं.