covid-19 के दौरान क्यों नहीं खरीदी विदेशी निर्मित कोरोना वैक्सीन: स्वास्थ्य मंत्री मांडविया

Update: 2023-06-25 13:04 GMT

भारत | केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि विदेश में निर्मित टीकों की खरीद covid-19 महामारी के दौरान नहीं की गई, क्योंकि ये कंपनियां क्षति से सुरक्षा की मांग कर रही थीं और यह छूट तो भारतीय टीका निर्माताओं तक को हासिल नहीं थी। उन्होंने कहा कि सभी पर समान नियम लागू होता है। मंत्री ने कहा कि यह कहना गलत है कि केंद्र ने मॉर्डना और फाइजर जैसी कंपनियों द्वारा निर्मित टीकों समेत अन्य विदेशी टीकों को भारत आने से रोक दिया।

मांडविया ने एक साक्षात्कार में कहा, “हमारी कुछ आवश्यकताएं और क्षमताएं हो सकती हैं और बाकी देशों की कुछ अन्य क्षमताएं और जरूरतें हो सकती हैं। यह कहना गलत है कि भारत ने किसी देश को भारत आने से रोका है। जब उन्होंने जरूरी आंकड़ों के साथ आवेदन किया था तो हमने उन्हें आपात स्थिति में इस्तेमाल की मंजूरी प्रदान की थी जैसे कि हमने भारतीय कंपनियों को मंजूरी दी थी।” मंत्री ने कहा कि विदेशी कंपनियां क्षति से सुरक्षा और अन्य छूट की मांग कर रही थीं जो बड़ा रोड़ा था और जिसके कारण सरकार आगे नहीं बढ़ी।

मांडविया ने कहा, “उस वक्त स्पुतनिक टीका भी था और भारतीय टीके भी थे। जो भी वैश्विक कंपनी भारत आना चाहती है, वह यहां आकर अपने उत्पाद बेच सकती है, चाहे वह दवा हो या टीका, हमें इससे कोई दिक्कत नहीं है। मगर भारतीय नियम-कायदों का पालन करने की जरूरत है। हमारी अपनी कंपनियों ने क्षति से सुरक्षा की मांग नहीं की थी। स्पुतनिक ने इसके लिए नहीं कहा था।” उन्होंने कहा, “हमारी कंपनियां ऐसी रियायत की मांग नहीं कर रही थीं और हमारे नियम-कायदों का पालन कर रही हैं, तो यह स्वाभाविक है कि वैश्वविक कंपनियां भी ऐसा ही करें।” मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि वैश्वीकरण के समय में देशों को स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक-दूसरे के साथ सहयोग करने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि भारत फार्मा और स्वास्थ्य क्षेत्रों में दुनिया के साथ अपने संबंधों का विस्तार करना चाहता है और “ हम ना किसी के खिलाफ हैं और ना किसी का पक्ष लेते हैं।” भारत ऐसा देश है जो भारतीय और विदेशी कंपनियों पर समान नियम-कायदे लागू करता है और सभी को समान अधिकार देता है। मांडविया ने कहा, “ बहुत ज्यादा देश इस तरह का समान अधिकार नहीं देते हैं, लेकिन भारत देता है। दुनिया भी हमारे देश की इस स्थिति की सराहना करती है।

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