भारत बायोटेक की रोटावायरस वैक्सीन रोटावैक-5D को WHO ने दी प्रीक्वालिफिकेशन मंजूरी
हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने सोमवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने उसकी रोटावायरस वैक्सीन रोटावैक 5डी (Rotavac 5D) को प्रीक्वालिफिकेशन की मंजूरी दी है.
हैदराबाद स्थित वैक्सीन निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने सोमवार को कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने उसकी रोटावायरस वैक्सीन रोटावैक 5डी (Rotavac 5D) को प्रीक्वालिफिकेशन की मंजूरी दी है. रोटावैक 5डी रोटावायरस डायरिया को रोकने में मदद करती है. रोटावायरस के कारण होने वाले डायरिया के खिलाफ कंपनी ने यह वैक्सीन 2019 में लॉन्च की थी. रोटावायरस संक्रमण से नवजात और कम उम्र के बच्चों में दस्त होता है.
कंपनी ने सोमवार को एक बयान में कहा कि रोटावैक 5डी, रोटावैक वैक्सीन का एक नया वेरिएंट है, जिसका फॉर्मूलेशन अलग है और इसे बिना बफर के लगाया जा सकता है. वैक्सीन की एक डोज 0.5 एमएल है, जिसके कारण इसका रखरखाव, कोल्ड चेन मैनेजमेंट आसान है. कंपनी ने कहा कि वैक्सीन लगाने के बाद काफी कम मात्रा में जैविक कचरा निकलता है.
WHO प्रीक्वालिफिकेशन की मंजूरी का मतलब है कि यूनिसेफ और PAHO (पैन अमेरिकन हेल्थ ऑर्गनाइजेशन) जैसी एजेंसियों द्वारा रोटावैक 5डी वैक्सीन की खरीद की जा सकती है. कंपनी ने कहा कि इस मंजूरी के बाद वैक्सीन को दुनिया भर में पहुंचाने में तेजी मिलेगी.
भारत और वैश्विक साझेदारों के मदद से संभव- सुचित्रा एला
भारत बायोटेक की संयुक्त प्रबंध निदेशक सुचित्रा एला ने बताया कि रोटावैक और रोटावैक 5डी वैक्सीन का विकास भारत और वैश्विक साझेदारों के सहयोग के द्वारा संभव हो पाया. उन्होंने कहा, "आज की घोषणा विकासशील देशों में लाखों लोगों में बीमारियों को दूर करने और संक्रमण को रोकने में भारत बायोटक के विजन को और मजबूत करता है."
भारत बायोटेक ने कोरोना वायरस के खिलाफ भी 'कोवैक्सीन' टीके का विकास किया, जो इस वायरस के खिलाफ देश की पहली स्वदेश निर्मित वैक्सीन है. इसे कंपनी ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के साथ मिलकर डेवलप किया है. कंपनी ने 3 जुलाई को तीन परीक्षणों से कोवैक्सीन प्रभावकारिता के अंतिम विश्लेषण को पूरा करते हुए कहा था कि कोवैक्सीन की कोविड-19 के खिलाफ प्रभावशीलता 77.8 प्रतिशत और बी.1.617.2 डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत रही थी.