पेट्रोल-डीजल पर राज्यों में टैक्स को लेकर जब देश की वित्त मंत्री निर्मला बोलीं, जिसे वोट दिया उससे पूछो, जानें पूरा बयान
नई दिल्ली: केंद्र की ओर से पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी यानी उत्पाद कर घटाए जाने के बावजूद कई राज्यों ने अभी तक वैल्यू एडेड टैक्स यानी वैट में कमी नहीं की है। इसको लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि जनता को अपनी चुनी हुई सरकारों से सवाल करना चाहिए कि आखिरी अब तक उन्होंने पेट्रोल-डीजल के दाम क्यों नहीं घटाए हैं। सीतारमण ने यह भी कहा कि पेट्रोल-डीजल को तब तक जीएसटी के दायरे में नहीं लाया जा सकता जब तक जीएसटी काउंसिल इसे शामिल करने के लिए कीमत तय नहीं कर देती है।
बता दें कि दिवाली से एक शाम पहले ही केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 5 रुपये और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर के हिसाब से एक्साइज ड्यूटी घटाई थी। इसके बाद कुछ राज्यों ने ईंधन की कीमत कम करने के लिए वैट में कटौती की। हालांकि, कुछ राज्यों ने केंद्र से एक्साइज ड्यूटी में और कटौती करने की मांग की। एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, क्लाइमेट चेंज को लेकर तमाम राज्यों के मुख्यमंत्रियों और वित्त मंत्रियों के साथ बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीतारमण ने यह बात कही।
उदाहरण के लिए केरल के वित्त मंत्री ने केंद्र सरकार के निर्णय को 'डैमेज कंट्रोल' बताया। वहीं, कई राज्यों में हुए उपचुनावों में बीजेपी की हार को भी पेट्रोल-डीजल की कीमतों से जोड़ा गया। निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार पहले ही राज्यों से वैट घटाने की अपील कर चुकी है और अब लोगों की बारी है जिन्हें उस पार्टी से सवाल करना है, जिसे वोट दिया था।
विपक्षी पार्टियों ने यह आरोप लगाया है कि मोदी सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में जितनी बढ़ोतरी की थी, उस हिसाब से यह कटौती काफी कम है। राज्यों का दावा है कि उन्होंने पेट्रोल-डीजल पर वैट नहीं बढ़ाया था तो इसलिए इसे घटाने का सवाल नहीं उठता। राज्यों का कहना है कि केंद्र अगर एक्साइज ड्यूटी घटाती है तो ईंधन की कीमतें खुद ही घट जाएंगी।