पटना: बिहार के इकलौते मानसिक आरोग्यशाला, कोईलवर में भर्ती उत्तर प्रदेश के बिजनौर की महिला 12 साल बाद अपने परिजनों के साथ खुशी-खुशी घर लौटी. 12 साल बाद जब बिल्कुल स्वस्थ होकर मानसिक आरोग्यशाला में महिला ने पति नत्थू सिंह और पुत्र कमल को देखा, तो खुशी से उसके आंसू बहने लगे. वह दौड़कर उनके पास पहुंची और लिपट पड़ी. इस मौके पर पूनम (बदला हुआ नाम) की बहन उर्मिला देवी और इनके पति अनूप कुमार भी दुमका (झारखंड) से भी पहुंचे थे.
नत्थू सिंह ने पत्नी को वापस पाकर कहा, वाकई बिहार के लोग काफी अच्छे हैं, जिनकी बदौलत उनकी पत्नी और चार बच्चों की मां मिल गई. मानिसक रोग अस्पताल की अपर निदेशक डॉ. पूर्णिमा रत्न ने बताया कि दूसरी बार इंडोर में भर्ती होने के कुछ ही महीने में पूनम बिल्कुल स्वस्थ हो गईं. स्वास्थ्यकर्मी पूनम को नियमित दवा देते थे. महिला अन्य मरीजों की भी सेवा करती थी.
नत्थू सिंह ने बताया कि पूनम बीमार रहती थी. उसमें मनोरोग के लक्षण दिखने लगे थे. यहां तक कि वह आस-पड़ोस के लोगों पर भी जाने-अंजाने में हमला कर देती थी. उसकी बीमारी बढ़ती ही जा रही थी. मोहल्ले के लोग उसका सामाजिक बहिष्कार करने लगे, जिसके बाद पति नत्थू पूनम को लेकर बिजनौर जिला के शेरकोट थाना के पालिकी गांव में जाकर रहने लगा.
फिर एक दिन उसकी पत्नी पूनम अचानक लापता हो गई. काफी खोज की गई, लेकिन उसका कुछ भी पता नहीं चला. शेरकोट थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई गई, लेकिन पुलिस से भी कोई सहयोग नहीं मिला. 12 साल बाद 29 जून को गांव के प्रधान को अफजलगढ़ के एसएचओ ने फोन करके पूनम के बारे में बताया. वीडियो कॉल के जरिए पूनम की बात परिवार से करवाई गई. पूनम को देखते ही परिवार खुशी से झूम उठा और उन्हें लेने बिहार पहुंचा.
परिवार को पता चला कि वह किसी तरह पटना के शांति कुटीर संस्था पहुंच गई थी. वहां रहने के दौरान संस्था ने 2020 में इलाज के लिए पूनम को कोईलवर के मानसिक आरोग्यशाला में भर्ती करवाया. हालांकि इलाज के समय तक पूनम सिर्फ अपने राज्य और जिला का नाम बता रही थी. उसके अलावा वह कुछ भी नहीं बता पा रही थी. लगभग एक साल तक इलाज के बाद थोड़ा ठीक होने के बाद उसे पुनः शांति कुटीर संस्थान भेज दिया गया. फिर अक्टूबर 2021 में इलाज के लिए आरोग्यशाला में दोबारा भर्ती कराया गया. नियमित उपचार के बाद पूनम ठीक होने लगी.
4 जून, 2022 को पूनम ने काउंसलिंग के दौरान बताया कि वह बिजनौर की तहसील अफजलगढ़ के तुरुतपुर गांव की रहने वाली है. उसी दिन स्वास्थ्यकर्मी दिलीप ने बिजनौर के पुलिस अधीक्षक के WhatsApp पर सम्पर्क किया और अफजलगढ़ के एसएचओ का मोबाइल नंबर लिया. इसके बाद पूनम का अपनों से मिलने का रास्ता साफ हो गया.