ये कैसी इंसानियत: 15 हजार की मांग, ढाई महीने तक कोरोना मरीज का शव अस्पताल में पड़ा रहा, उसके बाद...

स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है.

Update: 2021-07-02 03:16 GMT
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हापुड़. यूपी के हापुड़ जिले में स्वास्थ्य विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. करीब ढाई महीने तक कोरोना पॉजिटिव का शव अस्पताल में पड़ा रहा. आखिर में एनजीओ की मदद से उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. मामला सिटी कोतवाली इलाके का है. मृतक युवक अप्रैल महीने में कोरोना पॉजिटिव हुआ था. इलाज के लिए उसे मेरठ रेफर किया गया था. मेरठ में इलाज के दौरान व्यक्ति की मौत हो गयी थी.

अस्पताल की तरफ से मृतक की पत्नी को शव देने के लिए 15 हजार रुपये मांगे गए. मृतक की पत्नी के पास अस्पताल को देने के लिए पैसे नहीं थे. पैसों का इंतजाम करने वो हापुड़ आ गई. यहां भी बात नहीं बनी तो अपने दो बच्चों को साथ लेकर अपने गांव चल गई. इस तरह से शव को अस्पताल में रखे हुए ढाई महीने बीत गए.
जब ढाई महीने बाद भी कोई शव लेने नहीं आया तो मेरठ अस्पताल ने उसे हापुड़ स्वास्थ्य विभाग को भिजवा दिया. हापुड़ स्वास्थ्य विभाग ने तीन दिन पहले शव को जीएस मेडिकल कॉलेज में रखवा दिया और प्रशासन के सहयोग से परिजनों को ढूंढने लगे. जब परिजनों का पता चला तो उन्हें शव दे दिया गया और एनजीओ के माध्यम से शव का अंतिम संस्कार करा दिया गया.
इस मामले में हापुड़ सीएचसी प्रभारी डॉ. दिनेश खत्री का कहना है कि मृतक के भाई को मेरठ के अस्पताल से पॉजिटिव की बात बताई गई थी, लेकिन वह यह बात सुनकर भाग गया था. तब से उसने अब तक अपना मोबाइल भी स्विच ऑफ भी किया हुआ है. अब मृतक के मकान मालिक व उसकी पत्नी को ढूंढ कर शव उनके सुपुर्द कर दिया गया है. शव का अंतिम संस्कार भी एक एनजीओ के माध्यम से करा दिया गया है.

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