नई दिल्ली: दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने हाई कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जयपुर गोल्डन अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के मामले में सीबीआई जांच का विरोध किया. हलफनामे में सरकार ने इसे मरीजों की निजता के अधिकार का उल्लंघन बताया.
दिल्ली सरकार ने हलफनामे में कहा है कि किसी भी अस्पताल के कोरोना वार्ड से सीसीटीवी फुटेज की जब्ती और स्क्रीनिंग नैतिक रूप से गलत है. चाहे वह फुटेज अलग-अलग कमरे की हो या गहन देखभाल इकाई की. ये कदम उन रोगियों की गोपनीयता का उल्लंघन होगा, जिन्हें उस दौरान अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा, अत्यधिक पीड़ा के दौर से गुजरने के बाद रोगियों और उनके परिवारों को गोपनीयता की उचित उम्मीद है. इसका सम्मान किया जाना चाहिए. इतना ही नहीं सरकार ने कहा है कि इस मामले में अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती.
हलफनामे में कहा गया है कि अधिकारियों ने ऑक्सीजन सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए एक तंत्र की व्यवस्था की. ऑक्सीजन की व्यवस्था और विभिन्न एजेंसियों में समन्वय करने का कठिन कार्य किया. महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन की कम आपूर्ति थी. इन अधिकारियों ने इस अवधि के दौरान लगातार काम किया.
कोरोना की दूसरी लहर के दौरान अप्रैल में जयपुर गोल्डन अस्पताल में एक दिन में ऑक्सीजन की कमी के चलते 21 कोरोना मरीजों की मौत हो गई थी. अस्पताल की ओर से कहा गया था कि शुरुआती जांच में पता चला है कि मरीजों की मौत ऑक्सीजन की कमी से हुई.