पूर्व मुख्यमंत्री के घर में यह क्या हो रहा है? कानूनी जंग...
जानें पूरा मामला.
नई दिल्ली: वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष वाई एस जगनमोहन रेड्डी ने अपनी बहन एवं कांग्रेस की आंध्र प्रदेश इकाई की अध्यक्ष वाईएस शर्मिला पर ‘सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज’ के शेयर अपने तथा उनकी मां विजयम्मा के नाम पर अवैध रूप से स्थानांतरित कराने का आरोप लगाते हुए राष्ट्रीय कंपनी विधि अधिकरण (एनसीएलटी) का रुख किया है।
जगनमोहन ने दावा किया कि सरस्वती पावर एंड इंडस्ट्रीज का स्वामित्व उनके तथा उनकी पत्नी भारती के पास है। जगनमोहन तथा शर्मिला के बीच झगड़े ने कानूनी लड़ाई का रूप ले लिया है। पिछले महीने दायर याचिका पर एनसीएलटी की हैदराबाद पीठ ने सुनवाई की और मामले पर अगली सुनवाई के लिए नवंबर की तारीख तय कर दी।
याचिका में वाईएसआरसीपी अध्यक्ष ने कहा कि उन्होंने शर्मिला के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए थे जिसमें उन्होंने कहा था, ‘प्यार और स्नेह के कारण’ वह अपने और अपनी पत्नी के शेयरों को उपहार विलेख के माध्यम से अपनी अलग हो चुकी बहन को हस्तांतरित कर देंगे, जो प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कुर्की समेत कुछ संपत्तियों के संबंध में लंबित मामलों के अधीन होगा।
जगनमोहन ने अपनी बहन को लिखे पत्र में कहा कि कानूनी दायित्वों को पूरा किए बिना और अदालत से मंजूरी के बिना शेयर हस्तांतरण के प्रतिकूल प्रभाव होंगे।
हालांकि, उन्होंने समझौता ज्ञापन को रद्द करने की अपनी इच्छा जताते हुए कहा, ‘यह कोई रहस्य नहीं है कि अब हमारे बीच अच्छे संबंध नहीं हैं, और इस बदली हुई स्थिति को देखते हुए, मैं आपको औपचारिक रूप से सूचित करना चाहता हूं कि मैं समझौता ज्ञापन में जतायी अपनी मूल इच्छा पर अमल करने का इरादा नहीं रखता हूं।’
उन्होंने कहा कि उनके पिता, पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी द्वारा अर्जित संपत्ति और पैतृक संपत्तियों को परिवार के सदस्यों के बीच बांटा गया था। वाईएसआरसीपी प्रमुख ने कहा कि शर्मिला ने अपने भाई की भलाई की परवाह किए बिना कई ऐसे कार्य किए, जिससे उन्हें गहरा दुख पहुंचा और उन्होंने सार्वजनिक रूप से कई झूठे बयान भी दिए।
अपने भाई के साथ मतभेदों के बाद शर्मिला इस साल की शुरुआत में कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गई थीं और उन्हें पार्टी की आंध्र प्रदेश इकाई का अध्यक्ष बनाया गया था। शर्मिला ने मई में हुए आम चुनाव में कडपा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था लेकिन वह हार गई थीं।