पश्चिम बंगाल : होलिका दहन पर नाइट कर्फ्यू में मिली छूट, जानें उत्सव का शुभ मुहूर्त

पश्चिम बंगाल West Bengal सरकार ने होली के पूर्व होलिका दहन (Holika Dahan) की रात को नाइट कफ्यू (Night Curfew) में छूट देने का ऐलान किया है

Update: 2022-03-08 13:00 GMT

पश्चिम बंगाल West Bengal सरकार ने होली के पूर्व होलिका दहन (Holika Dahan) की रात को नाइट कफ्यू (Night Curfew) में छूट देने का ऐलान किया है. इस बाबत पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने टीएमसी के सांसद सुदीप बंद्योपाध्याय को लिखे पत्र के जवाब में यह जानकारी दी है. सीएम ममता बनर्जी ने सुदीप बंद्योपाध्याय को लिखे पत्र में कहा है कि चार मार्च को भेजे गये पत्र में आपने होलिका दहन के अवसर पर नाइट कर्फ्यू में छूट देने का आग्रह किया था. आपके आग्रह के मद्देनजर पश्चिम बंगाल सरकार ने इस दिन रात को नाइट कर्फ्यू में छूट देने का निर्णय किया है, ताकि सभी लोग धार्मिक उत्सव को धूमधाम से पालन कर सकें. बता दें कि पश्चिम बंगाल सरकार ने कोरोना के मामले में कमी के बाद रात 12 बजे से सुबह के 5 बजे तक ज़रूरी और आपात स्थिति को छोड़ कर सभी तरह की आवाजाही पर रोक लगा रखी है, हालांकि स्कूल खोल दिए गए हैं तथा कोरोना के मद्देनजर ज्यादातर पाबंदियां समाप्त कर दी गई हैं.

बता दें कि पश्चिम बंगाल में कोरोना के मामले में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है और जन-जीवन प्रायः ही समान्य हो गया है. ऐसे में होलिका दहन की रात को नाइट कर्फ्यू लगाये जाने को लेकर सवाल किये जा रहे हैं, लेकिन अब सरकार के फैसले के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है. अब इस दिन हिंदू धर्म के लोग होलिका दहन का उत्सव मना पाएंगे.
17 मार्च को होलिका दहन उत्सव का होगा पालन
बता दें कि होलिका की आग में अपने अहंकार और बुराई को भी भस्म किया जाता है इस बार होलिका दहन 17 मार्च वीरवार पूर्वांफाल्गुनी नक्षत्र और शूल योग में होगा और रंगों की होली एक दिन बाद 18 मार्च को खेली जाएगी. ज्योतिषाचार्य सुशील पुरोहित ने बताया की होली की पौराणिक कथा के अनुसार भद्रा काल में होलिका दहन को अशुभ माना जाता है. वहीं, ये भी मान्यता है कि होलिका दहन फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि में ही होना चाहिए. होलिका दहन का मुहूर्त इस बार रात 9 बजकर 03 मिनट से रात 10 बजे 13 मिनट तक रहेगा.
होलिका दहन का का योग एक घंटा 10 मिनट का है
ज्योतिषाचार्य सुशील पुरोहित ने बताया कि पूर्णिमा तिथि 17 मार्च को दिन में 1 बजकर 29 बजे शुरू होगी और पूर्णिमा तिथि का समापन 18 मार्च दिन में 12 बजकर 46 मिनट पर होगा. इस वर्ष होलिका दहन पर एक घंटा 10 मिनट का समय रहेगा. इस दिन दोपहर 1 बजकर 20 मिनट से रात्रि एक बजे तक भद्रा योग रहेगा. भद्रा को अशुभ माना गया है. ज्योतिषाचार्य के अनुसार रात 09 बजकर 04 मिनट से 10 बजकर 14 मिनट तक भद्रा का पुच्छकाल रहेगा. तब होलिका दहन किया जा सकता है. वहीं 17 मार्च को रात पुष्छकाल में होलिका दहन करना श्रेष्ठ है. कर्क, सिंह, कुंभ और मीन राशि में चंद्रमा के गोचर पर भद्रा विष्टीकरण का योग बनता हैय इस अवधि में भद्रा पृथ्वी लोक में रहती है.
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
होलिका दहन तिथि- 17 मार्च (सोमवार)
होलिका दहन शुभ मुहूर्त- रात 9 बजकर 20 मिनट से देर रात 10 बजकर 31 मिनट तक रहेगा. यानि होलिका दहन के लिए करीब 1 घंटा 10 मिनट का समय मिलेगा.
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