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सूरत: हमारे देश में हर साल अलग-अलग स्टील प्लांट से कई लाख टन कचरा निकलता है. वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर गंभीर केंद्र सरकार इसका इस्तेमाल देश के विकास कार्यों में कैसे करें, उस पर मंथन कर रही है. एक लंबे शोध के बाद गुजरात के सूरत में में पायलट प्रोजेक्ट के तहत केंद्र सरकार के अधीन विभागों ने स्टील वेस्ट से एक किलोमीटर लंबी सड़क बनाई है. यह सड़क सामान्य से अधिक मजबूत है. इस पर से हर रोज करीब 1 हजार ट्रक भारी वजह लेकर गुजरते हैं.
तस्वीरें गुजरात के सूरत शहर से 30 किलोमीटर दूर हजीरा औद्योगिक क्षेत्र की हैं. यहां एक किलोमीटर लंबी सड़क स्टील वेस्ट का इस्तेमाल कर बनाई गई है. 6 लेन की इस सड़क को बनाने में सूरत के स्टील प्लांटों का 1 करोड़ 90 लाख टन कचरे का उपयोग किया गया है. सूरत हजीरा औद्योगिक क्षेत्र में ये स्टील सड़क जिस जगह बनाई गई है, वह हजीरा पोर्ट की तरफ आते जाते भारी वाहनों के चलते पूरी तरह खराब हो गई थी. स्टील वेस्ट से बनी इस सड़क पर अब हर दिन करीब 1000 से ज्यादा ट्रक 18 से 30 टन का वजन लेकर गुजरते हैं.
स्टील की सड़क बनाने में सबसे पहले लंबी प्रक्रिया के बाद स्टील के कचरे से गिट्टी बनाई गई और फिर इस गिट्टी का प्रयोग सड़क बनाने में किया गया. इस प्रयोग के बाद देश में सस्ती और मजबूत सड़कें बनने लगेंगी. इसके साथ ही कचरे के ढेरों से भी मुक्ति मिलेगी. वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) और केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (CRRI) द्वारा इस्पात और नीति आयोग की मदद से सूरत में इस प्रोजेक्ट पर काम किया गया है. सड़क बनाने का यह नया तरीका सड़कों को मानसून के मौसम में होने वाले किसी भी नुकसान से बचा सकता है.
बता दें कि देश के स्टील प्लांट्स में स्टील का कचरा इतनी बड़ी मात्रा में निकलता है कि प्लांट्स में कचरे के पहाड़ बनने लगे हैं, जो कि पर्यावरण के लिए बड़ा खतरा है, इसीलिए नीति आयोग के निर्देश पर इस्पात मंत्रालय ने इस कचरे के इस्तेमाल करने का प्रोजेक्ट तैयार किया था.