रायपुर। श्रमिक परिवारों की बेटियों को सशक्त बनाने के लिए संचालित की जा रही मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना में अब तक 8262 निर्माण श्रमिकों की बेटियों को लाभान्वित किया गया है। योजना के तहत 16 करोड़ 52 लाख 40 हजार रूपए श्रमिकों की बेटियों के खातों में हस्तांतरित की गई है।
छत्तीसगढ़ शासन के श्रम विभाग के अंतर्गत सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल द्वारा संचालित मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण सहायता योजना का उद्ेश्य बेटियों को शिक्षा, रोजगार, स्वरोजगार तथा उनके विवाह के लिए सहयोग राशि प्रदान करना है। योजना में पात्र श्रमिक परिवार की प्रथम दो बेटियों जो अविवाहित हो उन्हें आत्मनिर्भर व सशक्त बनाने के लिए 20-20 हजार रुपए की आर्थिक सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में हस्तांतरित की जाती है।
श्रम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री नोनी सशक्तिकरण योजना के तहत गरियाबंद जिले में 219, कोण्डागांव में 31, रायगढ़ में 594, जांजगीर-चांपा में 73, सरगुजा में दो, बेमेतरा में 484, कवर्धा में 975, दंतेवाड़ा में 54, मुंगेली में 135, बलौदाबाजार में 667, बस्तर में पांच, जशपुर में 14, राजनांदगांव में 272, बलरामपुर में 11, नारायणपुर में 13, दुर्ग में 760, बालोद में 66, कोरिया में 23, गौरेला पेंड्रा मरवाही 11, बिलासपुर 397, महासमुंद में 455, सूरजपुर में 384, कांकेर में 99, रायपुर में 2456 और धमतरी में 62 श्रमिकों की बेटियों को सहायता राशि उनके बैंक खातों में जमा करा दी गई है।
अधिकारियों ने बताया कि योजना की पात्रता के अनुसार निर्माण श्रमिक के रूप में एक वर्ष पूर्व पंजीयन होना चाहिए। निर्माण श्रमिक की प्रथम दो पुत्रियों जिनकी आयु 18 वर्ष से 21 वर्ष तक और अविवाहित हो। इसके अलावा पंजीकृत निर्माण श्रमिक की पुत्री कम से कम 10 वीं कक्षा उत्तीर्ण हो और मंडल की पूर्व में संचालित मिनीमाता कन्या विवाह योजना का लाभ नही लिया हो। योजना के तहत आवेदन की प्रक्रिया श्रम विभाग के विभागीय पोर्टल पर ऑनलाइन प्रारंभ की गई है, इसके तहत श्रमिक स्वयं या संबंधित क्षेत्राधिकारिता के श्रम कार्यालय या नजदीकी लोक सेवा केंद्र, च्वाईस सेंटर के माध्यम से ऑनलाईन आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।