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Update: 2022-09-04 12:32 GMT

टाटा समूह के चेयरमैन और शापूरजी पालोनजी ग्रुप के एमडी रहे अरबपति कारोबारी साइरस मिस्त्री का रविवार को निधन हो गया. 54 साल के साइरस मिस्त्री की महाराष्ट्र में पालघर के पास एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. कारोबार परिवार से ताल्लुक रखने वाले साइरस मिस्त्री के जीवन की सबसे अहम घटना Tata Sons का चेयरमैन बनना ही रही. करीब 4 साल तक देश के सबसे बड़े कारोबारी समूहों में से एक टाटा ग्रुप के प्रमुख की जिम्मेदारी संभालने के बाद उन्हें इस पद से अचानक से हटा दिया गया. ये तब हुआ जब उनका परिवार और कारोबारी समूह शापूरजी पालोनजी ग्रुप, टाटा समूह में सबसे बड़ा सिंगल शेयरहोल्डर था.

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साइरस मिस्त्री के लिए ये घटना किसी परिवार में होने वाले बंटवारे जैसी थी, क्योंकि वो और उनका परिवार लंबे समय से Tata Group Family का हिस्सा था और आखिर में वो अपने परिवार के ही नहीं हो सके. लेकिन साइरस मिस्त्री ने अंत समय तक हार नहीं मानी और आखिर तक अपने हक की लड़ाई लड़ते रहे. साइरस मिस्त्री वो शख्स रहे जो सीधे रतन टाटा तक से भिड़ गए और टाटा के चेयरमैन पद से हटाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक गए.

आम तौर पर मीडिया की चमक से दूर रहने वाले साइरस मिस्त्री का भारत की आम जनता ने नाम ही तब सुना, जब रतन टाटा के समूह के प्रमुख का पद छोड़ने के बाद उन्हें ये जिम्मेदारी दी गई. Tata Group के 100 से ज्यादा के इतिहास में वह दूसरे ऐसे शख्स थे, जिनका सरनेम 'टाटा' नहीं था और फिर वो ग्रुप चेयरमैन बने थे. इसकी वजह उनके परिवार के टाटा समूह के साथ ताल्लुकात थे.

साइरस मिस्त्री भारत के एक बड़े कारेाबारी घराने में 4 जुलाई 1968 को पैदा हुए थे. शापूरजी पालोनजी मिस्त्री समूह के पलोनजी मिस्‍त्री के सबसे छोटे बेटे साइरस मिस्त्री की मां एक आयरिश महिला थीं. उनके पिता भी बाद में आयरलैंड के नागरिक बन गए थे. साइरस मिस्‍त्री का जन्‍म भी आयरलैंड में हुआ था. टाटा परिवार से उनके परिवार के यूं भी निजी संबंध रहे हैं. वजह साइरस मिस्त्री की एक बहन अल्‍लू की शादी नोएल टाटा से हुई है, जो रतन टाटा के सौतेले भाई हैं.

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