दिल्ली. कांग्रेस पार्टी बुरे दौर से उबरने के लिए लगातार मंथन कर रही है, चिंतन शिविर आयोजित कर रही है. कांग्रेस उन राज्यों पर खास ध्यान दे रही है जहां इस साल के अंत तक विधानसभा चुनाव होने हैं. इन सबके बीच पार्टी को झटके भी लग रहे हैं. चुनावी राज्य हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पार्टी की चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया है. आनंद शर्मा ने सोनिया गांधी को इस्तीफा भेजने के बाद इसे लेकर एक के बाद एक, दो ट्वीट भी किए हैं. आनंद शर्मा ने ट्वीट कर कहा है कि हिमाचल प्रदेश चुनाव के लिए कांग्रेस की संचालन समिति का अध्यक्ष पद भारी मन से छोड़ा है.
आनंद शर्मा ने साथ ही ये भी कहा है स्वाभिमानी होने के कारण लगातार बहिष्कार और अपमान को देखते हुए मेरे पास इस्तीफा देने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा था. उन्होंने अपने ट्वीट में आगे कहा है कि आजीवन कांग्रेसी हूं और अपने इस विश्वास पर कायम हूं. आनंद शर्मा ने ट्वीट कर ये भी कहा है कि कांग्रेस की विचारधारा मेरे खून में दौड़ती है और इसे लेकर कोई शक नहीं होना चाहिए.
आनंद शर्मा ने हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद से इस्तीफे की वजह लगातार हो रहे अपमान और बहिष्कार को बताया है. कहा जा रहा है कि सोनिया गांधी को भेजे अपने इस्तीफे में भी उन्होंने अपनी उपेक्षा का आरोप लगाया था. आनंद शर्मा ने इस्तीफे में बैठकों में न बुलाए जाने के साथ ही कई बातों का जिक्र किया है. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश के कद्दावर नेताओं में गिने जाने वाले आनंद शर्मा से पहले जम्मू कश्मीर के दिग्गज गुलाम नबी आजाद को भी जम्मू कश्मीर चुनाव संचालन समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. गुलाम नबी आजाद ने चुनाव संचालन समिति के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति के कुछ ही घंटों बाद इस्तीफा दे दिया था.
बता दें कि आनंद शर्मा भी कांग्रेस के जी-23 गुट के नेता हैं. इस गुट के नेता ब्लॉक से लेकर सीडब्ल्यूसी तक, पार्टी में आंतरिक लोकतंत्र के लिए चुनाव कराने के समर्थक हैं. जी-23 के नेताओं को पार्टी में एक तरह से उपेक्षा का शिकार होना पड़ता रहा है.