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Update: 2022-05-23 12:36 GMT

दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) इस समय जापान दौरे पर हैं. उन्होंने यहां प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया. पीएम मोदी ने कहा कि जब भी मैं जापान आता हूं तो देखता हूं कि आपका स्नेह हर बार बढ़ता ही जाता है. आप में से कई साथी अनेक सालों से यहां बसे हुए हैं. जापान (Japan) की भाषा, वेशभूषा, संस्कृति और खानपान एक प्रकार से आपके जीवन का भी हिस्सा बन गया है. यह हम लोगों की विशेषता है कि हम कर्मभूमि से तन मन से जुड़ जाते हैं और खप जाते हैं, लेकिन मातृभूमि की जड़ों से जो जुड़ाव है, उससे कभी दूरी नहीं बनने देते हैं. संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि काशी में जापान के सहयोग से 'रुद्राक्ष' का निर्माण किया गया है.

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पीएम मोदी ने कहा कि विवेकानंद जी जब अपने ऐतिहासिक संबोधन के लिए शिकागो जा रहे थे उससे पहले वो जापान आए थे. जापान में उनके मन मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव छोड़ा हुआ था. जापान के लोगों की देशभक्ति, जापान के लोगों का आत्मविश्वास, स्वच्छता के लिए जापान के लोगों की जागरूकता की उन्होंने खुलकर प्रशंसा की थी. यही हमारा सबसे बड़ा सामर्थ्य है. पीएम ने कहा कि आज की दुनिया को भगवान बुद्ध के विचारों पर, उनके बताए रास्ते पर चलने की बहुत जरूरत है. यही रास्ता है जो आज दुनिया की हर चुनौती, चाहे वो हिंसा हो, अराजकता हो, आतंकवाद हो, क्लाइमेट चेंज हो, इन सबसे मानवता को बचाएगा.

उन्होंने कहा कि भारत सौभाग्यशाली है कि उसे भगवान बुद्ध का प्रत्यक्ष आशीर्वाद मिला है. उनके विचारों को आत्मसात करते हुए भारत निरंतर मानवता की सेवा कर रहा है. चुनौतियां चाहे कितनी प्रकार की हो, कितनी बड़ी क्यों न हो, भारत उनका समाधान ढूंढता ही है. कोरोना से दुनिया के सामने 100 साल का सबसे बड़ा संकट पैदा हुआ. यह जब शुरू हुआ तो किसी को पता नहीं था कि आगे क्या होगा. किसी को यह पता तक नहीं था कि इसकी वैक्सीन आएगी भी या नहीं आएगी. लेकिन भारत ने उस समय भी दुनिया के देशों को दवाएं भेजीं.

भारत आज ग्रीन फ्यूचर, ग्रीन जॉब्स रोडमैप के लिए भी बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बहुत प्रोत्साहन दिया जा रहा है. ग्रीन हाइड्रोजन को हाइड्रोकार्बन का विकल्प बनाने के लिए विशेष मिशन शुरू किया गया है. उन्होंने कहा कि हमारी इस कैपेसिटी के निर्माण में जापान एक अहम भागीदार है. मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल हो, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर हो या डेडिकेटेड फ्राइट कॉरिडोर हो, ये भारत-जापान के सहयोग के बहुत बड़े उदाहरण हैं.

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