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Update: 2022-05-06 12:32 GMT

एक तरफ भारत बड़े पैमाने पर यूक्रेन और रूस से सूरजमुखी का आयात करता है तो दूसरी ओर हरियाणा सरकार इटली को सूरजमुखी एक्सपोर्ट (Sunflower Export) करने की तैयारी कर रही है. इटली सरकार ने हरियाणा से सूरजमुखी खरीदने की इच्छा जाहिर की है. हरियाणा में उत्पादित सूरजमुखी की खरीदारी की संभावनाओं के संदर्भ में इटली (Italy) के उद्योग परिसंघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने हरियाणा के कृषि अधिकारियों के साथ शुक्रवार को दिल्ली में बैठक की. उधर, इस बात की जानकारी मिलने के बाद अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ ने हरियाणा सरकार की इस कोशिश पर नाराजगी जाहिर की है. महासंघ ने केंद्र सरकार से तिलहन फसलों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने या फिर एक्सपोर्ट ड्यूटी में भारी वृद्धि करने की मांग की है.

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इटली के प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली में आयोजित बैठक में अधिकारियों ने बताया कि हरियाणा में लगभग 20 हजार मिट्रिक टन सूरजमुखी का उत्पादन किया जा रहा है. यहां पैदा हुई सूरजमुखी खरीद (Sunflower Procurement) की संभावनाओं के संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय मापदंडों का जिक्र करते हुए इटली के प्रतिनिधिमंडल ने यहां से खरीद की इच्छा व्यक्त की. सूरजमुखी प्रमुख तिलहन फसल है. इस मौके पर इटली उद्योग परिसंघ के सलाहकार राफेल लांजेला भी मौजूद रहे.

अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर का कहना है कि हम सूरजमुखी के तेल के लिए पूरी तरह यूक्रेन और रूस पर आश्रित हैं. उन दोनों देशों में युद्ध की वजह से हमारे यहां सूरजमुखी तेल का आयात न के बराबर रह गया है. ऐसे में हरियाणा सरकार द्वारा इटली को सूरजमुखी एक्सपोर्ट के लिए बात करना ठीक नहीं लगता. उन्होंने कहा कि जिन देशों में सूरजमुखी नहीं है और डिमांड है वो तो कहीं न कहीं से खरीदेंगे ही. लेकिन ये तो हमें सोचने की जरूरत है कि जिस चीज की कमी है उसके एक्सपोर्ट के लिए हम क्यों बात कर रहे हैं.

भारत में सूरजमुखी का उत्पादन बहुत कम होता है. केंद्र सरकार की रिपोर्ट के मुताबिक 2007-08 में पूरे देश में 14.63 लाख टन सूरजमुखी का उत्पादन होता था. लेकिन, धीरे-धीरे यह कम होता चला गया. अब 2021-22 में सरकार ने 2.66 लाख मिट्रिक टन उत्पादन का अनुमान लगाया है. ऐसे में हम इंपोर्ट करते हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia Ukraine War) की वजह से हमारे यहां इसका आयात काफी कम हो गया है.



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