मध्य प्रदेश। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के अलग-अलग हिस्सों में गेहूं की खड़ी फसल में आग लगने की घटनाएं सामने आ रही हैं. अब कटाई के लिए तैयार फसल के जल जाने से किसानों (Farmers) को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. राज्य में ग्वालियर के डबरा चिनोर क्षेत्र में लगातार तीसरे दिन गेहूं के खेत (Wheat Field) में भीषण आग लगी है. बताया जा रहा है कि लगभग 500 बीघा से अधिक खेतों में खड़ी गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई है. डबरा के चीनोर क्षेत्र के घरसौदी, ररूआ और चीनोर मौजे में आग लगने से एक करोड़ से अधिक की फसल तबाह हुई है.
दो दिन पहले ग्राम भदेश्वर में लगी भीषण आग से 1500 बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई थी, जिसमें गेहूं और भूसे की कीमत लगभग 4 करोड़ आंकी गई थी. इसके बावजूद भी प्रशासन और किसानों ने सबक नहीं लिया. रविवार दोपहर अज्ञात कारणों के चलते फिर से आग लग गई, जिसमें आधा सैकड़ा से अधिक किसानों की गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई है.
इस घटना के बाद पीड़ित किसानों का रो-रोकर बुरा हाल है. महिलाएं भी बिलखती हुईं नजर आईं. किसानों का कहना है कि पूरे साल की मेहनत पर कुछ ही मिनटों में पानी फिर जाता है. किसानों ने बताया कि हाल के दिनों में अलग-अलग क्षेत्रों में गेहूं की फसल में आग लगने की घटनाएं सामने आई हैं, बावजूद इसके पुलिस या प्रशासन की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि बाहरी लोग क्षेत्र में भूसा बनाने के लिए आ रहे हैं. उनके द्वारा खेतों में बैठकर ध्रुमपान किया जाता है, जिसके कारण से जलती हुई बीड़ी या तीली के कारण आग लग जाती है. इसके अलावा कुछ लोगों का कहना है कि गेहूं काटते या भूसा बनाते समय मशीनरी से निकली चिंगारी के कारण गेहूं के खेतों में आग लग जा रही है. असली वजह के बारे में अभी तक किसी को कोई जानकारी नहीं है. वहीं भदेश्वर ग्राम में जलकर खाक हुई 1520 बीघा में लगी गेहूं की फसल का आकलन जिला कलेक्टर के नेतृत्व में किया गया था. किसान अब इंतजार कर रहे हैं कि सरकार की तरफ से किस स्तर तक नुकसान की भरपाई की जा रही है.