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Update: 2022-05-23 10:38 GMT

अब नवजात बच्चों का अपना आयुष्मान भारत हेल्थ अकाउंट (ABHA) नंबर होगा. इसे आसान भाषा में हेल्थ आईडी कहा जाता है. जन्म लेते ही बच्चे की हेल्थ आईडी (Health ID) बना दी जाएगी. इससे बच्चे के माता-पिता अपनी संतान के हेल्थ रिकॉर्ड को ट्रैक कर सकेंगे. बच्चे को बाद में किसी डॉक्टर से दिखाना हो या अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल होना हो, तो हेल्थ आईडी से कई प्रकार की मदद मिलेगी. नेशनल हेल्थ मिशन (NHM) बच्चों की हेल्थ आईडी बनाने के मेकेनिज्म पर काम कर रही है. नया मेकेनिज्म बनने के बाद माता-पिता अपने नवजात या प्रौढ़ बच्चों की हेल्थ आईडी बनवा सकेंगे.

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आयुष्मान भारत अकाउंट नंबर बनने के बाद माता-पिता अपने बच्चे का हेल्थ रिकॉर्ड जन्म के समय से अपलोड कर सकेंगे. हेल्थ आईडी के साथ और भी कई सुविधाएं मिलेंगी. जैसे बच्चे को कौन-कौन सी हेल्थकेयर सुविधा दी जा रही है, उसके नाम कौन सी इंश्योरेंस स्कीम है और सरकारी-प्राइवेट अस्पतालों में किस तरह का इलाज कराया गया है, इन सभी बातों को हेल्थ आईडी के साथ अपलोड किया जा सकेगा. अभी 18 साल से अधिक उम्र के बालिग ही आयुष्मान भारत अकाउंट नंबर बनवा सकते हैं. लेकिन नए नियम में नवजात बच्चे भी शामिल किए जाएंगे.

'Mint' ने अपनी रिपोर्ट में इस बात की जानकारी दी है. एक सरकारी अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा, माता-पिता को अपने बच्चे का विकास समय के साथ ट्रैक करने का अवसर मिलना चाहिए. यह सुविधा बच्चे के जन्म के साथ ही मिलनी चाहिए. ऐसा देखा गया है कि जब कोई बच्चा पैदा होता है तो उसकी कोई आईडी नहीं होती, न ही कोई कागजात होता है. बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र जनरेट होने में 30 दिन तक का समय लग जाता है. अब माता-पिता अपनी हेल्थ आईडी या आयुष्मान भारत अकाउंट नंबर के साथ बच्चे की आईडी को लिंक कर सकते हैं. इससे जन्म के समय से ही बच्चे की हेल्थ हिस्ट्री देखी जा सकेगी. आगे चलकर इलाज या स्वास्थ्य सुविधाएं लेने में भी फायदा मिलेगा.

ट्रैक कर सकेंगे हेल्थ रिकॉर्ड

आगे चलकर बच्चे की हेल्थ आईडी के साथ उसका जन्म प्रमाण पत्र, बाल आधार जैसे कागजात को लिंक किया जा सकेगा. बच्चा जब पैदा होता है तो उसे कई वैक्सीन दी जाती है, उसकी मां के लिए भी वैक्सीनेशन चलाई जाती है. हेल्थ आईडी बनने से बच्चा और उसकी मां को दिए जाने वाले या दिए जा चुके सभी टीकों की पूरी जानकारी मिल जाएगी. बच्चा जब अगली बार डॉक्टर के पास जाएगा तो डॉक्टर हेल्थ आईडी की मदद से जान जाएगा कि बच्चे को कौन-कौन वैक्सीन दी गई है. मां को लगे टीके की भी जानकारी मिल जाएगी.


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