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Update: 2022-07-04 06:33 GMT

अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने रो बनाम वेड मामले से संबंधित फैसले को पलटते हुए गर्भपात कराने के महिलाओं के संवैधानिक अधिकार को निरस्त करने का फैसला सुनाया था, जिसके बाद से देश भर में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैं. इस बीच ओहियो में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने पूरी दुनिया में सुर्खियां बटोरी हैं. दरअसल, एक 10 साल की बच्ची बलात्कार पीड़िता है और वह 6 सप्ताह की गर्भवती है. वह अपने राज्य में गर्भपात के लिए अपात्र हो गई, जिसके बाद उसे इंडियाना की यात्रा करने पर मजबूर किया गया.

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कोर्ट की ओर से गर्भपात को समाप्त करने के एक राष्ट्रव्यापी अधिकार को उलटने के तीन दिन बाद रेप पीड़िता का मामला सामने आया. इंडियानापोलिस प्रसूति-स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ केटलीन बर्नार्ड ने कहा कि उन्हें ओहियो में एक सहयोगी डॉक्टर का फोन आया था जो बाल शोषण पीड़ितों का इलाज करता है और मदद मांगी. इंडियाना के सांसदों ने अभी तक गर्भपात पर प्रतिबंध नहीं लगाया है, लेकिन इस महीने के अंत में राज्य विधानसभा का एक विशेष सत्र बुलाए जाने पर उनके ऐसा करने की संभावना है.

गर्भपात करवाने वाले डॉक्टर्स का कहना है कि वे पड़ोसी राज्यों से गर्भपात के लिए अपने क्लीनिकों में आने वाले रोगियों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी देख रहे हैं. पिछले दिनों टेक्सास सुप्रीम कोर्ट ने निचली अदालत के उस आदेश पर रोक लगा दी, जिसमें कहा गया था कि क्लीनिक गर्भपात करना जारी रख सकते हैं. अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने तमाम प्रांतों को अपनी सुविधा के मुताबिक गर्भपात संबंधी कानून लागू करने का आदेश दिया था.

हालांकि, यह तुरंत स्पष्ट नहीं हो सका है कि टेक्सास के क्लीनिक जिन्होंने इस सप्ताह मरीजों को देखना फिर से शुरू किया था, वे फिर से अपनी सेवाएं बंद करेंगे अथवा नहीं. इस मामले पर अगली सुनवाई इस महीने के अंत में होनी है. टेक्सास के क्लीनिक द्वारा गर्भपात कराने आए मरीजों को वापस भेजना, मरीजों को दोबारा समय देना और अब संभावित रूप से फिर से मरीजों के चिकित्सकों से मिलने के निर्धारित समय को रद्द कर देना – ये सभी चीजें एक सप्ताह के भीतर ही हुई हैं. इससे देश के लोगों में संशय की स्थिति बन गई है. अमेरिका में गर्भपात बैन को लेकर भारी विरोध हो रहा है. लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन कोर्ट के फैसले को अस्थिर करने वाला करार दे चुके हैं और उनका कहना है कि यह विश्व मंच पर अमेरिका की स्थिति को प्रभावित नहीं करता है.

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