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लखीमपुर खीरी केस के आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट सोमवार को आदेश सुनाएगा. 10 फरवरी को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा को जमानत दी थी. गाड़ी से कुचल कर मारे गए एक किसान के परिवार ने आशीष की जमानत के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की जमानत को रद्द करने से जुड़ी याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था. चीफ जस्टिस एनवी रमणा की अगुआई वाली बेंच ने आश्चर्य जताया था कि कैसे इलाहाबाद हाई कोर्ट ने जमानत देते समय मामले के गुण-दोष पर विचार किया? सीजेआई ने कहा था, 'हम इस बात को लेकर चिंतित हैं कि किस तरह हाई कोर्ट ने घायलों का पक्ष देखा. हम एक जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं. हम लम्बा नहीं करना चाहते. शुरुआती तौर पर सवाल इतना है कि क्या बेल रद्द करनी चाहिए या नहीं. हम इन सब फालतू सवालों पर नहीं जाएंगे कि कौन सी कार थी, पोस्टमॉर्टम इत्यादि. '
इस बेंच में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली भी थीं. बेंच ने यूपी एसआईटी की ओर से जमानत की अनुमति देने वाले HC के आदेश को चुनौती देने की सिफारिश का हवाला दिया. सीजेआई ने कहा, 'जब एसआईटी ने एक रिपोर्ट दी थी तो सभी अधिकारियों से एसआईटी ने जो कहा था, उसके अनुसार कार्रवाई करने की उम्मीद की जाएगी.' 3 अक्टूबर 2021 को हुए लखीमपुर हादसे पर आशीष मिश्रा का कहना था कि वह घटना के समय वहां मौजूद ही नहीं था. उत्तर प्रदेश सरकार भी उसकी जमानत रद्द करने के हक में नहीं है. सरकार ने कहा था कि उसने सभी गवाहों को सुरक्षा प्रदान की है और आरोपी के सबूतों से छेड़छाड़ करने का भी कोई खतरा नहीं है.