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Update: 2022-04-04 16:30 GMT

पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने हाल ही में 37120.23 करोड़ रुपए का अंतरिम बजट प्रस्तुत किया जिसका सबसे बड़ा हिस्सा 4688.2 करोड सिर्फ कर्ज का ब्याज चुकाने पर ही खर्च होगा. राज्य की आमदनी का 40 फीसदी कर्ज की अदायगी पर खर्च होता है, क्योंकि राज्य सरकारों ने अब तक लगभग 3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज उठा रखा है. इसमें से एक लाख करोड़ रुपए का कर्ज चरणजीत सिंह चन्नी सरकार ने उठाया था. कंट्रोलर एवं ऑडिटर जनरल ऑफ इंडिया (CAG) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024-25 तक पंजाब का कर्जा बढ़कर 3.37 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा.


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पंजाब के बजट का सिर्फ 44.4 फीसदी हिस्सा ही विकास कार्यों पर खर्च होता है और लगभग 60 फ़ीसदी हिस्सा कर्ज की अदायगी ब्याज और दूसरे गैर विकास कार्यों पर खर्च होता है. साल 2021-22 में पंजाब की सालाना आमदन सिर्फ 95,263 करोड रुपए थी जो 1,68015 करोड रुपए के सालाना खर्च से 15,997 करोड रुपए कम है. यानी पंजाब सरकार हर साल कर्ज लेकर काम चला रही है.
राज्य की 2021-22 की कुल आमदनी का विश्लेषण करें तो राज्य सरकार को टैक्स से 33,434 करोड़ रुपए, नॉन टैक्स के जरिए 7,759 करोड रुपए, केंद्रीय करों से 12027 करोड़ रुपए और केंद्र सरकार से 38038 करोड रुपए की मदद मिली. कुल मिलाकर पंजाब सरकार के खर्चे का ज्यादातर हिस्सा केंद्र सरकार से मिली मदद और केंद्रीय करों से होने वाली आमदनी पर निर्भर करता है.
अब उन वायदों की बात कर लेते हैं जो राज्य की विभिन्न सरकार सरकारों ने लोगों से किए, लेकिन खजाना खाली होने के चलते उनको पूरा करने में नाकाम रही.
चुनावी वायदे जो पूरे नहीं हुए
#मौजूदा आम आदमी पार्टी सरकार के वादे:
1. AAP सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने 29 जून 2021 को चंडीगढ़ में घोषणा की थी कि सरकार बनते ही लोगों को बिजली के 300 यूनिट तुरंत प्रभाव से मुफ्त में मिलेंगे. खजाना खाली है इसलिए फिलहाल इस वायदे को जून माह तक टाल दिया गया, क्योंकि इस वादों को पूरा करने के लिए सरकार को 5000 करोड़ रुपए की दरकार है और खजाना खाली है.
2. आम आदमी पार्टी ने राज्य की हर व्यस्त महिला के खाते में हर महीने ₹1000 डालने का वायदा भी किया है, जिसके लिए अलग से 12 हजार करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि चाहिए.
#कैप्टन अमरिंदर सिंह और चरणजीत सिंह चन्नी सरकार द्वारा किए गए अधूरे वादे जो पूरे नहीं हुए:
1. किसानों का सभी तरह का कर्जा माफ करने का वायदा
2. हर घर से एक सदस्य को नौकरी देने का वादा
3. बेरोजगारों को हर माह ₹2500 भत्ता देने का वायदा
4. स्कूल के छात्रों को स्मार्टफोन देने का फायदा
साफ है कि कई अन्य राज्यों की तरह पंजाब सरकार भी कर्ज उठाकर खर्चे पूरे कर रही है. सालाना आमदनी घट रही है और देनदारियां बढ़ रही हैं. ऐसे में चुनाव के वक्त लोगों से किए गए वायदे क्या जनता के साथ मजाक नहीं है. जब खजाना ही खाली है तो फिर झूठे वादे क्यों किए जाते हैं. इस सवाल का जवाब पंजाब के लोग अब तक की सरकारों के सामने उठाते आए हैं. 
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