रामनवमी पर हिंसा: घायल शिवम की हालत गंभीर, जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष जारी, 3 दिन बाद थी बहन की शादी
खरगोन: मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर हुई हिंसा को 4 दिन बीत चुके हैं, लेकिन पीछे छूटे जख्म अब तक नहीं भरे हैं. हिंसा में गंभीर रूप से घायल हुआ शिवम पिछले 4 दिनों से इंदौर के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती है. वह मंदिर में पूजा करने गया था और हिंसा की चपेट में आ गया. परिवार के लोगों ने तत्काल उसे नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया था, जहां से शिवम को इंदौर रेफर कर दिया गया.
शिवम के परिवार पर इस हिंसा की दोहरी मार पड़ी है. दरअसल, 17 अप्रैल को शिवम की सगी बहन की शादी होनी थी, लेकिन शिवम की हालत को देखते हुए उसके ठीक होने तक (2 महीने) विवाह स्थगित कर दिया गया है. मूल रूप से धार जिले का रहने वाला शिवम खरगोन में अपने मामा के यहां रहकर पढ़ाई कर रहा था. अब शिवम की हालत देखकर उसके मामा-मामी के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं.
इंदौर प्रशासन ने बयान जारी कर बताया है कि शिवम की हालत में सुधार हो रहा है. संभागायुक्त डॉक्टर पवन कुमार शर्मा के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 16 साल के शिवम के इलाज पर पूरी नजर रखने के आदेश दिए हैं. सीएम ने आदेश दिए हैं कि शिवम के इलाज में होने वाले खर्च का भुगतान शासन करेगा.
बता दें कि 10 अप्रैल को रामनवी के दिन खरगोन में करीब 10 घरों को फूंक डाला गया था. एसपी सिद्धार्थ समेत 2 दर्जन लोग इस घटना में घायल हुए थे. मामले में अबतक 27 FIR दर्ज हो चुकी हैं. दोनों पक्षों के 89 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. राज्य सरकार ने कहा है कि नुकसान की भरपाई दंगाइयों से ही की जाएगी. हिंसा की शुरुआत तलब चौक मस्जिद के पास से हुई थी. राम नवमी जुलूस की व्यवस्था करने वाले मनोज रघुवंशी ने आरोप लगाया था कि जुलूस को मस्जिद से कुछ मीटर दूर बैरिकेड लगाकर रोक दिया गया था. जबकि हर साल वहीं से जुलूस निकलता था और मुस्लिमों की तरफ से भी कोई आपत्ति नहीं जताई जाती थी. लेकिन जब इस बार बैरिकेड लगे देखे गए तो बीजेपी नेताओं और पुलिस के बीच बहस हो गई.
पुलिस का कहना है कि जुलूस को निकालने के लिए दोपहर में 2-3 बजे का टाइम दिया गया था. लेकिन इसको मस्जिद तक पहुंचते-पहुंचते 5 बज गए. यह मस्जिद में नमाज का वक्त था. फिर दोनों तरफ हजारों की संख्या में भीड़ थी और थोड़ी ही देर में माहौल गर्म हो गया और पत्थरबाजी शुरू हो गई. इसके बाद कुछ अन्य इलाकों में भी पत्थरबाजी हुई और हिंदू-मुसलमान दोनों के ही घरों को आग लगाई गई.