रोड पर आड़े-तिरछे खड़े वाहन, ट्रैफिक के बोझ तले दबा बरठीं बाजार

Update: 2024-12-13 12:13 GMT
Barthi. बरठीं। जिला बिलासपुर के मुख्य कस्बों में शुमार बरठीं बाजार दिन-प्रतिदिन वाहनों के बोझ तले दबता जा रहा है। बाजार में टैक्सी स्टैंड न होने से रोड पर वाहन आड़े-तिरछे खड़े रहते हैं, जिससे राहगीरों, दुकानदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। टैक्सी ऑपरेटर लगातार सरकारों से टैक्सी स्टैंड की मांग करते आ रहे हैं, लेकिन उनका यह सपना पूरा नहीं हो पाया है। जिस कारण बरठीं बाजार में हर दिन बढ़ती वाहनों की संख्या और पार्किंग का अभाव लोगों के लिए सबसे बड़ी समस्या बन गया है। देव भूमि टैक्सी ऑपरेटर यूनियन बरठीं के उप प्रधान अनूप जमवाल ने बताया कि टैक्सी स्टैंड न होने की वजह से मुख्य बाजार से स्कूल व हॉस्पिटल रोड पर हर दिन जाम का सामना करना पड़ता है। पूरे बाजार में मुख्य चौक से मोदी चौक व सरगल चौक तक वाहनों की भारी संख्या है, लेकिन पार्किंग की कोई व्यवस्था नहीं है। बरठीं और आस पास की पंचायतों में लगभग दो हजार छोटे बड़े वाहन हैं, जिनमें लगभग 200 से ज्यादा टैक्सी वाहन हैं। लेकिन बात पार्किंग के नाम पर दशकों बाद भी अभी तक किसी भी तरह की पार्किंग सुविधा टैक्सी के लिए नहीं दी गई है। रमन ठाकुर ने बताया कि बाजार में निजी वाहन भी खड़े रहते हैं, जिनके लिए भी पार्किंग की कोई सुविधा नहीं है। टैक्सी सहित निजी गाडिय़ों के मुख्य सडक़ पर खड़े होने से दिन भर गाडिय़ों का जमावड़ा लगा रहता है, जिस कारण राहगीरों का चलना भी मुश्किल हो जाता है। सुरेंद्र कुमार राणा ने बताया कि बरठीं बाजार में लगभग 25 पंचायत के लोगों का आना-जाना
लगा रहता है।


जिस कारण रोजाना बरठीं की सडक़ों पर हजारों की संख्या में छोटे-बड़े वाहनों की आवाजाही हो रही है। पार्किंग के लिए जगह नहीं रहने के कारण लोगों को सडक़ पर ही वाहन खड़े करने पड़ते हैं। जिस कारण अक्सर जाम जैसे हालात बने रहते हैं। विनोद कुमार ने बताया कि बाजार की सडक़ पर डिवाइडर बने हैं, जिस कारण सडक़ दो भागों में बंट चुकी है। जिसके चलते जगह भी कम हो गई है, लेकिन प्रशासन की बेरुखी के कारण लोग अपनी निजी गाडिय़ों को बेतरतीब ढंग से पार्क कर देते हैं। प्रशासन को नो पार्किंग के बोर्ड लगाकर टैक्सी गाडिय़ों को खड़ा करने के लिए मार्किंग करनी चाहिए, ताकि निजी गाडिय़ों के जमावड़े से निजात मिल सके। प्रशासन चालान करने के लिए तो आ जाता है, लेकिन पार्किंग व्यवस्था करना भूल गया है। जोगिंदर सिंह ने बताया कि बरठीं बाजार से प्रतिदिन हजारों गाडिय़ां निकलती हैं, लेकिन प्रशासन द्वारा निजी गाडिय़ों की पार्किंग तो दूर की बात है, यहां तो सरकारों ने टैक्सी स्टैंड व बस स्टैंड के लिए भी कोई व्यवस्था नहीं की है। जबकि इन्हीं कमर्शियल गाडिय़ों से सरकार को सालाना लाखों रुपए की आय होती है। सरकार की बेरुखी व प्रशासन की लापरवाही के कारण पूरा बाजार यातायात अव्यवस्था का शिकार होकर रह गया है। उधर, ऑल हिमाचल टैक्सी ऑपरेटर एसोसिएशन के प्रदेश वरिष्ठ उपप्रधान मंगल ठाकुर ने कहा कि प्रदेश के एक लाख से ज्यादा टैक्सी ऑपरेटर सरकार को करोड़ों रुपये टैक्स देते हैं। जबकि सरकार टैक्सी ऑपरेटरों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार बसों को खड़ा करने के लिए बस स्टैंड की व्यवस्था व चालकों के लिए कमरे का प्रावधान करती है। इसके विपरीत टैक्सी चालक भी सरकार को सालाना करोड़ों रुपये टैक्स के रूप में अदा करते हैं, लेकिन सरकार ने अभी तक पंजीकृत टैक्सी यूनियनों के लिए स्थायी तौर पर टैक्सी स्टैंड और चालकों के लिए कार्यालय की व्यवस्था तक नहीं की है। सरकार की अनदेखी के कारण टैक्सी चालकों को अपनी टैक्सियां सडक़ किनारे खड़ी करनी पड़ती हैं। थाना प्रभारी तलाई विनोद कुमार ने बताया कि वह स्वयं निरीक्षण कर उचित कार्रवाई करेंगे।
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