भोपाल (आईएएनएस)| मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में आदिवासी युवती की संदिग्ध मौत और उसके बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा चलाई गई गोली में एक युवक की मौत के मामले को लेकर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। कांग्रेस ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए विधानसभा से बहिर्गमन किया।
इंदौर के महू के बड़गोंदा थाना क्षेत्र में बुधवार की रात को एक युवती की संदिग्ध मौत को पीड़ित पक्ष ने हत्या बताया और सड़क पर डोंगरगांव पुलिस चौकी के सामने जाम भी लगाया। प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, गाड़ियों में तोड़फोड़ और हालात बिगड़े, जिस पर पुलिस ने लाठीचार्ज किया और गोली भी चलाई। इस दौरान गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई।
इस मामले को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह ने उठाया और आरोप लगाया कि एक युवती की मृत्यु और पुलिस फायरिंग में एक युवक की मौत हुई है। राज्य में आदिवासियों पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। उसके बाद कांग्रेस के विधायक गर्भगृह में आ गए और उन्होंने नारेबाजी की। सरकार पर आरोप भी लगाए। उसके बाद सदन से बाहर चले गए।
राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा का कहना है कि, संवेदनशील मामले पर कांग्रेस को राजनीति नहीं करनी चाहिए। महू मामले में दो बातें सामने आई हैं। आरोपी यदुनंदन पाटीदार को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके साथ युवती रहती थी, पानी गर्म करने वाली रॉड से करंट लगने से युवती की मौत होने की बात सामने आई है, वहीं दूसरे लोग हत्या की बात कह रहे हैं। मुख्यमंत्री ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संवाददाताओं से चर्चा करते हुए कहा, आदिवासी युवती के दुष्कर्म मामले में सरकार लीपापोती कर रही है लीपापोती।