बेमौसमी बारिश ने किसानों की बढ़ाई चिंता, फसल का हुआ भारी नुकसान

Update: 2023-03-25 18:18 GMT
बरनाला। लगातार खराब हो रहे मौसम से एक बार फिर किसानों की चिंता बढ़ गई है। शुक्रवार को हुई बरसात व तेज हवाओं से गेहूं की फसल को नुक्सान हुआ है। वहीं तापमान गिरने से मौसम में ठंड बढ़ गई है और गर्म कपड़े एक बार फिर निकल आए हैं। पिछले कई दिनों से न्यूनतम तापमान 14 से 18 के बीच तथा अधिकतम तापमान 20 से 25 के बीच चल रहा है। शुक्रवार को अधिकतम तापमान 23 व न्यूनतम तापमान लगभग 15 डिग्री सैल्सियस रहा।दूसरी ओर चाहे मौसम का आनंद आम आदमी उठा रहा हो, लेकिन किसान के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती हैं। वर्तमान में खेतों में गेहूं की फसल लगभग तैयार है। लेकिन इससे पहले ही मौसम की मार ने किसानों को बेहाल कर दिया है। जैसे-जैसे मौसम खराब होता है वैसे-वैसे किसान आसमान की तरफ देखता हुआ भगवान से प्रार्थना करता है कि बस और नहीं। लगातार हो रही बारिश व चल रही तेज हवाओं से खेतों में खड़ी फसलों को होते नुक्सान को देखकर वह चिंतित है।
किसानों का कहना है कि यदि तेज बरसात हुई और खेत में पानी जमा हो गया तो गेहूं की फसल को और अधिक नुक्सान होगा तथा सारी फसल गल जाएगी। किसानों का कहना है बारिश व ओलावृष्टि ने उनकी कड़ी मेहनत से बुआई गई फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया है। किसानों ने सरकार से खराब हुई फसल का मुआवजा मांगा है। दूसरी तरफ वहीं हल्की-सी बरसात के कारण सड़कों के किनारे पानी जमा हो जाता है, क्योंकि निकासी के कोई विशेष इंतजाम नहीं हैं और आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सबसे अधिक परेशानी उस समय होती है जब सड़कों पर वाहनों के टायरों से लगकर कीचड़ आता है और धूप निकलने पर सूखने के बाद यह धूल बनकर राहगीरों की आंखें खराब करता है। पिछले लगभग 1 सप्ताह से मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है।ऐसे में जिन लोगों ने गर्म वस्त्रों का इस्तेमाल करना छोड़ दिया था, उन्हें बढ़ी ठंड के कारण दोबारा इनका सहारा लेना पड़ रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि इस प्रकार के बदलते मौसम में सावधान रहना चाहिए, क्योंकि बच्चे और बुजुर्ग बीमार हो सकते हैं। मौसम जानकारों का कहना है कि अभी एक-दो दिन और मौसम खराब रह सकता है। पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी होने के कारण हवा भी ठंडी चल रही है।
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