खरगोन और करौली में हुई हिंसा को लेकर बोले केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह...
एमपी। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Union Minister Giriraj Singh) ने खरगोन और करौली में हुईं हिंसा की घटनाओं पर कहा कि ये संयोग नहीं है, बल्कि प्रयोग है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे हैं. रामनवमी पर हम शोभायात्रा लेकर हम पाकिस्तान तो नहीं जा रहे थे, अपने ही देश में जुलूस निकाल रहे थे. उन्होंने खरगोन और करौली में हुई हिंसा को लेकर कहा कि ये घटनाएं मात्र संयोग नहीं, बल्कि प्रयोग हैं. कुछ लोग जिन्ना के रास्ते पर चल रहे हैं. वो देश के माहौल को बिगाड़ने की कोशिश में लगे हैं. उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर 1947 में देश का बंटवारा हो चुका है. अब क्या देश में यह दूसरा बंटवारा है कि एक गली हिंदू की तो दूसरी मुसलमान की?
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि रामनवमी की शोभायात्रा लेकर हम पाकिस्तान तो नहीं जा रहे थे. अपने ही देश के राजस्थान और मध्यप्रदेश में जुलूस निकाल रहे थे. जो कहते हैं कि ये घटनाएं अज्ञानतावश होती हैं, वे गोरखपुर के मंदिर में हुए हमले की कोशिश के आरोपी के बारे में क्या कहेंगे, जो आईआईटी से एजुकेटेड स्टूडेंट रहा है. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह खंडवा में दो दिवसीय दौरे पर पहुंचे थे. उन्होंने नीति आयोग द्वारा चिह्नित आकांक्षी जिलों में से एक खंडवा के विकास कार्यों की समीक्षा की. मैदानी हकीकत भी देखी. भाजपा कार्यकर्ताओं के सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने देश की बढ़ती आबादी पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे संसाधन सीमित हैं, लेकिन आबादी बढ़ने से समस्या बढ़ रही है, जिसके लिए एक वर्ग विशेष ज्यादा जिम्मेदार है. बढ़ती महंगाई को लेकर उन्होंने यह भी कहा कि इसके पीछे वैश्विक कारण है. यूक्रेन के युद्ध का असर पूरी दुनिया पर पड़ा है. श्रीलंका और पाकिस्तान में तो हालत और ज्यादा खराब है.
हाल ही में रामनवमी के जुलूस के दौरान मध्यप्रदेश के खरगोन और राजस्थान के करौली को लेकर गिरिराज सिंह ने इसे विपक्ष का षडयंत्र बताया. उन्होंने कहा कि कुछ लोग देश के माहौल को बिगाड़ने का कार्य कर रहे हैं. रामनवमी के जुलूस पर नंगी तलवारों से हमला किया गया. एसपी तक पर गोली चलाई. धर्म के आधार पर 1947 में देश का बंटवारा हो चुका है. अब ये क्या नया बंटवारा है? क्या रामनवमी का जुलूस पाकिस्तान जा रहा था? केंद्रीय मंत्री गिरिराज ने कहा कि ऐसी घटना किसी और समुदाय के साथ हुई होती तो देश में आज पॉलिटिकल टूरिज्म हो जाता.