IT छापे को लेकर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का पहला बयान, जाने क्या कहा?
मीडिया समूहों 'दैनिक भास्कर' और 'भारत समाचार' पर आयकर के छापों को लेकर विपक्षी दलों के आरोपों के बीच सरकार ने गुरुवार को कहा कि एजेंसियां अपना काम करती हैं और ''इनमें हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं होता.'' सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इस बारे में संवाददाताओं के सवालों के जवाब में यह बात कही. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पूरी जानकारी जरूर लेनी चाहिए. कई बार जानकारी के अभाव में भी बहुत सारे विषय ऐसे आते हैं जो सत्य से परे होते हैं.
ठाकुर ने कहा, '' एजेंसियां अपना काम करती हैं और उन पर हमारा कोई हस्तक्षेप नहीं होता है.'' गौरतलब है कि आयकर विभाग ने कर चोरी के आरोपों में दो प्रमुख मीडिया समूहों- 'दैनिक भास्कर' और उत्तर प्रदेश के हिंदी समाचार चैनल 'भारत समाचार' के विभिन्न शहरों में स्थित परिसरों पर गुरुवार को छापे मारे गये. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि दैनिक भास्कर के मामले में छापेमारी भोपाल, जयपुर, अहमदाबाद और कुछ अन्य स्थानों पर की जा रही है.
'दैनिक भास्कर' और 'भारत समाचार' पर आयकर के छापों पर कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ''कितना और गला घोटेंगे मीडिया का ? कितनी और दबिश मानेगा मीडिया ? कब तक सच पर सत्ता की बेड़ियां रहेंगी?'' दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 'दैनिक भास्कर' और 'भारत समाचार' पर आयकर के छापों को मीडिया को डराने की कोशिश बताते हुए मांग की कि ऐसी कार्रवाई तुरंत रुकनी चाहिए और मीडिया को स्वतंत्र तरीके से काम करने देना चाहिए.
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, "पत्रकारिता पर मोदी शाह का प्रहार!! मोदी शाह का एकमात्र हथियार आईटी, ईडी, सीबीआई. मुझे विश्वास है अग्रवाल बंधु डरेंगे नहीं. दैनिक भास्कर के विभिन्न ठिकानों पर आयकर जांच शाखा की छापामार कार्रवाई शुरू....प्रेस कॉन्प्लेक्स सहित आधा दर्जन स्थानों पर मौजूद है आयकर की टीम."
वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भास्कर और भारत समाचार न्यूज चैनल के कार्यालयों पर आयकर विभाग के छापों की आलोचना करते हुए इसे केंद्र सरकार द्वारा मीडिया को दबाने का प्रयास बताया. गहलोत ने ट्वीट किया, "दैनिक भास्कर अखबार और भारत समाचार न्यूज चैनल के कार्यालयों पर इनकम टैक्स का छापा मीडिया को दबाने का एक प्रयास है. मोदी सरकार अपनी रत्तीभर आलोचना भी बर्दाश्त नहीं कर सकती है. यह बीजेपी की फासीवादी मानसिकता है जो लोकतंत्र में सच्चाई का आइना देखना भी पसंद नहीं करती. ऐसी कार्रवाई कर मोदी सरकार मीडिया को दबाकर संदेश देना चाहती है कि यदि गोदी मीडिया नहीं बनेंगे तो आवाज कुचल दी जाएगी."