ऊना के शराब कारोबारी से ठगे पांच करोड़ 40 लाख

Update: 2025-01-06 10:00 GMT
Una. ऊना। ऊना के एक पूर्व शराब कारोबारी के साथ निजी वित्तीय कंपनियों से ऋण दिलाने के नाम पर करीब 5.40 करोड़ की ठगी का मामला सामने आया है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश हरियाणा व चंडीगढ़ में शराब कारोबारी के रूप में व्यवसाय करने वाले ऊना के कारोबारी को दो अलग-अलग मामलों में करोड़ों रुपए की चपत लग गई। कारोबार में घाटा पडऩे के बाद दरपेश वित्तीय समस्याओं से जूझते हुए उक्त शराब कारोबारी ने एनपीए हो चुके अपने बैंक अकाउंटस व वित्तीय मसलों को सुलझाने के लिए जब प्राइवेट वित्तीय संस्थानों/कंपनियों से न्यूनतम ब्याज दर पर 200 करोड़ रुपए के ऋण के लिए संपर्क किया तो वह ठगों के हाथ चढ़ गए। ठगबाजों ने पहले मामले में ऊना के पूर्व शराब कारोबारी को पहले 200 करोड़ के लिए एक राजस्थान की वित्तीय कंपनी से ऋण दिलाने के लिए ओवर हैड एक्सपेंसिस के नाम पर मोटी रकम वसूल ली। वहीं फिर चालाकी दिखाते हुए पूर्व शराब कारोबारी को एक अन्य वित्तीय कंपनी से 600 करोड़ रुपए का ऋण दिलाने के नाम पर कुल 4,21,54812/- रुपए ठग लिए। दूसरे मामले में इसी पूर्व शराब कारोबारी को महाराष्ट्र की मुंबई की एक वित्तीय कंपनी से 400 करोड़ रुपए का ऋण स्वीकृत करवाने की एवज में ओवर हैड खर्चों के रूप में 1.18 करोड़ रुपए ठग लिए। पूर्व शराब कारोबारी ने यह रकम कथित ठगों को बैंक खातों में आरटीजीएस के
रूप में डाली।
दोनों मामले वर्ष 2016 व 2017 के है। जिसको लेकर अब पूर्व शराब कारोबारी ने ऊना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है। शिकायत में पूर्व शराब व्यापारी ने बताया कि वर्ष 2016 में उसने अपने व्यवसाय को पुन: चलाने के लिए सस्ती ब्याज दरों पर ऋण लेने के लिए विभिन्न बैंकों, निजी वित्तीय संस्थानों और व्यक्तियों से संपर्क किया। इस दौरान वह एक व्यक्ति के संपर्क में आया, जिसने उसे राजस्थान की एक निजी वित्तीय कंपनी से कम ब्याज दरों पर ऋण उपलब्ध करवाने की बात कहीं। कंपनी उसे 200 करोड़ रुपए का ऋण देने के लिए सहमत हो गए और ऋण स्वीकृत करने के लिए अतिरिक्त खर्च वहन करने की बात कहीं। उनके कहने पर उसने उनके बताए बैंक खातों में पैसे डाल दिए। इसके बाद ऋण उपलब्ध करवाने वाले व्यक्ति ने े उसे 200 करोड़ रुपए के ऋण के स्थान पर 600 करोड़ रुपए का ऋण उपलब्ध करवाने का प्रलोभन दिया। उक्त व्यक्ति ने इसे कई फर्जी दस्तावेज व एग्रीमेंट भेजे, जिन्हें इसने स्वीकार कर लिया। कुछ दिनों बाद ऋण उपलब्ध करवाने वाले व्यक्ति का एक्सीडेंट हो गया और उसकी मौत हो गई। इसके बाद उक्त लोगों ने ऋण प्रक्रिया में बदलाव का हवाला देकर ऋण जारी करने के लिए अतिरिक्त भुगतान की मांग की। उधर, एसपी राकेश सिंह ने कहा कि पुलिस ने शिकायत के आधार पर अलग-अलग मामले दर्ज कर लिए है।
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