UIDAI ने 6 लाख से ज्यादा डुप्लिकेट आधार कार्ड रद्द किए, अब चेहरे के जरिए होगा आधार वेरिफिकेशन

Update: 2022-07-24 13:34 GMT

नई दिल्ली: आधार कार्ड (Aadhar Card) देश का नागरिक होने की पहचान कराने वाला जरूरी डॉक्यूमेंट है. आज के समय में सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना हो, या फिर नौकरी या अन्य ऐसी सेवाएं जहां पहचान पत्र का मांग की जाती है, तो आधार ही मांगा जाता है. लेकिन जिस तरह यह देशवासियों के लिए अनिवार्य हुआ है, डुप्लिकेट आधार बनाए (Duplicate Aadhar Card) जाने के मामले भी बढ़ गए हैं. अब ऐसे मामलों पर भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने एक्शन लेना शुरू कर दिया है. इसके तहत 6 लाख नकली आधार कार्ड रद्द किए गए हैं.

UIDAI की कार्रवाई लगातार जारी
डुप्लिकेट या नकली आधार कार्ड (Fake Aadhar Card) बनाने वाले देश में किस कदर सक्रिय हैं इसका अंदाजा UIDAI द्वारा रद्द किए गए आधार कार्ड की संख्या देखकर लगाया जा सकता है. इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने एक सवाल के जवाब में संसद में बताया कि अब तक UIDAI ने 598,999 से ज्यादा डुप्लिकेट आधार कार्ड रद्द किए हैं. उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई लगातार जारी है.
फर्जी वेबसाइटों को भेजा नोटिस
डिजिटलीकरण के इस दौर में डुप्लीकेट प्रमाणपत्रों का कारोबार करने वाले अपनी जेबें भर रहे थे. बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र और राज्य स्तर पर फर्जी आधार कार्ड बनाने वालों पर बड़ा एक्शन लिया गया. इस कार्रवाई के तहत आधार कार्ड से जुड़ी सर्विस का दावा करने वाली करीब एक दर्जन फर्जी वेबसाइटों को UIDAI ने नोटिस भी भेजा है और उन्हें चेतावनी देते हुए किसी भी तरह की सेवा देने पर रोक लगा दी गई है.
राज्यमंत्री चंद्रशेखर ने एक बयान में कहा कि नकली आधार कार्ड बनाने के मामले को गंभीरता से लिया गया है और इस पर लगाम लगाने के लिए कई जरूरी कदम उठाए गए हैं. इसते तहत आधार कार्ड में एक एक्स्ट्रा वेरिफिकेशन फीचर एड किया गया है. इसमें आधार वेरिफिकेशन के लिए जल्द व्यक्ति के चेहरे का इस्तेमाल होगा. अब तक वेरिफिकेशन के लिए फिंगरप्रिंट और आंखों का स्कैन लिया जाता था.
पेंशन वेरिफिकेशन में भी इस्तेमाल
चंद्रशेखर ने लोकसभा (LokSabha) में आधार कार्ड से जुड़ीं सेवाएं देने वाली फर्जी वेबसाइटों के संबंध में पूछे गए सवाल के जवाब में इस कार्रवाई के बारे में जानकारी साझा की है. फेस रेकिग्‍नेशन (Aadhar Face Recognition) पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया को आधार के अलावा पेंशन वेरिफिकेशन (Authenticating Pension Verification) के लिए भी लागू किया गया है. अब तक करीब एक लाख पेंशनहोल्डर्स को इस टेक्‍नॉलोजी से वेरिफाइड किया गया है.
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