UGC का बड़ा फैसला, हर कॉलेज-यूनिवर्सिटी में फीमेल स्टूडेंट्स को मिलेगी मैटरनिटी लीव, अटेंडेंस में भी छूट

Update: 2021-12-15 10:38 GMT

UG-PG Students Maternity Leave: यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने फैसला लिया है कि अब MPhil और PHD की छात्राओं की तरह UG और PG की छात्राओं को भी मैटरनिटी लीव मिलेगी. UGC ने इसके लिए गाइडलाइन्स भी जारी कर दी हैं. UGC के सचिव रजनीश जैन ने सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखा है कि अगर UG और PG में कोई छात्रा अगर प्रेग्नेंट है तो उसे अटेंडेंस, एग्‍जाम एप्लिकेशन फॉर्म और बाकी सभी चीजों छूट दी जाएगी.

भारत मे शादी की उम्र पुरुषों के लिए 21 साल और महिलाओं के लिए 18 साल है. ऐसे में अब तक UGC पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग नियमन 2016 के मुताबिक, केवल MPhil और PHd की छात्राओं को ही मातृत्व अवकाश यानी मैटनरिटी लीव देता था. अवकाश की ये अवधि 240 दिनों की होती है. UGC के नये फैसले के बाद अब यह लीव अंडर ग्रेजुएट और पोस्‍ट ग्रेजुएट कोर्सेज़ की छात्राओं को भी मिलेगी.
इस पत्र में इस बात को इस स्पष्‍ट किया गया है कि जैसे पहले एमफिल और पीएचडी की छात्राओं को मेटरनिटी लीव मिलती थी, उसी तर्ज पर यूजी और पीजी की छात्राओं को अवकाश दिया जाएगा. हालांकि, नोटिस में इस बात का जिक्र नहीं किया गया है कि अवकाश की अवधि कितनी रहेगी. इसके लिए UGC ने अवकाश के दिन तय करने का फैसला विश्वविद्यालय के विवेक पर छोड़ दिया है.
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