Bengaluru। विदेश मंत्रालय की ओर से 24-25 जनवरी को टेक हब बेंगलुरु में प्रौद्योगिकी संवाद (टेक्नोलॉजी डायलॉग) का आयोजन किया जा रहा है। यह अपनी तरह का पहला ट्रैक 1.5 डायलॉग है, जो टेक पॉलिसी और साझेदारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए आयोजित किया जा रहा है, जोकि महत्वपूर्ण उभरती प्रौद्योगिकियों पर चर्चा को बढ़ावा देगा।
यह कार्यक्रम केंद्र सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार (पीएसए) के कार्यालय और यहां स्थित भारतीय विज्ञान संस्थान के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, जिसमें तकनीक से जुड़े देश-दुनिया के कई दिग्गज शामिल होंगे। संवाद के उद्घाटन संस्करण का विषय ‘प्रौद्योगिकी कूटनीति में नए मोर्चे तलाशना’ था। इसके अलावा उद्घाटन सत्र में ‘भारत के अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी जुड़ाव ढांचे’ पर भी विस्तृत चर्चा हुई।
यह विशेष मंच सरकार, उद्योग, शिक्षा और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के विचारकों को एक साथ लाएगा, ताकि महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों में रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा की जा सके और उसे आकार दिया जा सके। इस दौरान क्वांटम प्रौद्योगिकी, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), सेमीकंडक्टर, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी और बायोइकोनॉमी के क्षेत्र में अपार संभावनाओं पर विचार-विमर्श होगा।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा संवाद के दौरान वरिष्ठ नीति निर्माता, उद्योग के नेता, वैज्ञानिक एवं विद्वान प्रौद्योगिकी क्षेत्र से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे, जिसमें भारत की अंतर्राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी भागीदारी, महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों पर रणनीतिक साझेदारी का लाभ उठाना, क्वांटम एडवांसमेंट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), सेमीकंडक्टर, अंतरिक्ष तथा जैव अर्थव्यवस्था में विकास पर ध्यान केंद्रित करना शामिल है।
इवेंट की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार यह संवाद ग्लोबल लीडरशिप स्तर के शिखर सम्मेलनों जैसे कि जी20, जीपीएआई और आई-सीईटी में देखे गए बढ़ते ट्रेंड पर आधारित होगा, जो प्रमुख अंतरराष्ट्रीय मंचों और द्विपक्षीय जुड़ावों के एजेंडे पर प्रौद्योगिकी के बढ़ते महत्व को उजागर करते हैं। माना जा रहा है कि यह मंच दुनिया को भारत की संपन्न तकनीक और साइंस इकोसिस्टम के साथ गहन सहयोग तलाशने के मौके प्रदान करेगा।