उदयपुर हत्याकांड: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- आरोपियों को पकड़ने वाले 5 पुलिसकर्मियों को आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देने का फैसला

Update: 2022-06-29 11:30 GMT
 न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान

उदयपुर: राजस्थान के उदयपुर में कन्हैया लाल की निर्मम हत्या ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। इस मामले के दोनों आरोपियों पर एक्शन लिया जा रहा है। इस बीच राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने उन सभी पांचों पुलिसकर्मियों को विशेष तोहफा दिया है जिन्होंने घटना में शामिल आरोपियों को पकड़ा था। राज्य सरकार ने उदयपुर की घटना में शामिल आरोपियों की त्वरित गिरफ्तारी करने वाले पांच पुलिसकर्मियों तेजपाल, नरेन्द्र, शौकत, विकास एवं गौतम को आउट ऑफ टर्म प्रमोशन देने का फैसला किया है।

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कहा कि उदयपुर की घटना कोई मामूली वारदात नहीं है और जब तक अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर उनके (आरोपियों के) कुछ संबंध नहीं हों ऐसा नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि इस वारदात की जांच उसी को ध्यान में रखते हुए की जा रही है कि जिन्होंने हत्या की है, उनकी क्या साजिश थी, क्या षड्यंत्र था, किससे उनके संपर्क हैं, क्या वे कियी राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय एजेंसी के संपर्क में हैं, इन तमाम बातों का खुलासा होगा।
बता दें कि उदयपुर के धानमंडी थाना क्षेत्र में मंगलवार को दिन दहाड़े दो मुस्लिम लोगों ने धारदार हथियार से कन्हैया लाल नाम के एक दर्जी की हत्या कर दी थी। पुलिस के मुताबिक धानमंडी थाना क्षेत्र में टेलर कन्हैयालाल की दिनदहाड़े गला काटकर हत्या की गई थी। वारदात को अंजाम देने के आरोप में रियाज मोहम्मद और गोस मोहम्मद को गिरफ्तार किया गया था। दोनों आरोपियों को राजसमंद जिले के भीमा इलाके से अरेस्ट किया गया था।
जयपुर में बुधवार को कानून-व्यवस्था की समीक्षा बैठक से पूर्व गहलोत ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा, ''हम इस घटना को गंभीरता से ले रहे हैं। घटना मामूली नहीं है और जब तक कि इसका अंतर्राष्ट्रीय या राष्ट्रीय स्तर पर जो कुछ ऐसे रेडिकल एलिमेंट (कट्टरपंथी तत्व) हैं, उससे संबंध नहीं हो, ऐसे नहीं हो सकती। उसी रूप में इसकी जांच-पड़ताल शुरू की गई है।''
गहलोत ने कहा कि घटना बहुत बड़ी व जघन्य है। उन्होंने कहा, "मैंने कल भी कहा कि इसकी जितनी निंदा करें उतनी कम है और हमने इसीलिए एसआईटी गठित की है, एसआईटी ने अपना काम शुरू कर दिया है।"
मंगलवार को दर्जी की हत्या की घटना के बाद शहर में उत्पन्न हुए तनाव को देखते हुए जिले के सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया था। राज्यभर में 24 घंटे के लिये मोबाइल इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया था और आगामी एक माह के लिये प्रदेश में निषेधाज्ञा लगा दी गई थी।
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