चंदौली। नवजात शिशुओं की इलाज के दौरान मौत से नाराज परिजनों ने मंगलवार को पीडीडीयू नगर स्थित निजी अस्पताल में जमकर हंगामा किया। इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। सूचना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस से भी परिजनों की नोकझोक हुई। आरोप है कि पुलिस ने पीड़ित प्रसूताओं के परिजनों को जबरन हिरासत में ले लिया साथ ही महिलाओं से भी अभद्रता की। पीडीडीयू नगर स्थित शुभकामना मैटर्निटी सेंटर में प्रसव हुआ था। अस्पताल प्रशासन का कहना है कि बच्चों की हालत बिगड़ने पर हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। अमृत कुमार पांडेय की पत्नी कल्पना कुमारी को प्रसव पीड़ा होने पर 18 अगस्त की रात में शुभकामना अस्पताल में भर्ती कराया गया।
यहां डा. महिमा और राजेश आग्रेय ने इलाज किया। महिला को प्रसव होने के बाद बच्चों की स्थिति नाजुक हो गई। वहीं मायके में आई ज्ञानप्रसाद की पत्नी बबिता शर्मा को प्रसव पीड़ा होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया। प्रसव के बाद बच्चे की हालत बिगड़ने पर रेफर कर दिया गया। दोनों बच्चों की वाराणसी में इलाज के दौरान मौत हो गई। ज्ञानप्रसाद शहंशाहपुर में रहते हैं। घटना से नाराज परिजनों ने अस्पताल पहुंचकर जमकर हंगामा किया। आरोप लगाया कि अस्पताल प्रशासन संवेदनहीन है। चिकित्सकों की लापरवाही की वजह से बच्चों की जान गई। हालत बिगड़ने के बाद बच्चों को रेफर किया गया। इसके बावजूद अस्पताल प्रशासन की ओर से पैसे मांगे जा रहे हैं। इस संबंध में अस्पताल संचालक डॉक्टर प्रज्ञा शालिग्राम का कहना है कि दोनों शिशुओं की हालत नाजुक होने पर उन्हें हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया गया। वहां पता चला कि उनकी मौत हो गई है। इसमें अस्पताल प्रबंधन की कहीं से कोई गलती नहीं।