शिमला। राजधानी के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में न्यू ओपीडी में जाने के लिए अब प्रिंसीपल कार्यालय से न्यू ओपडी तक दो नई लिफ्ट का निर्माण कार्य होने वाला है। इसके साथ ही यहां पर 108 आपातकालीन वाहन के लिए रैंप का निर्माण भी किया जाना है। इसके लिए 80 लाख रुपए से जून के बाद कार्य शुरू किया जाना है। नगर निगम के मेयर सुरेंद्र चौहान ने मंगलवार को आईजीएमसी की नई निर्माणधीन पार्किंग का निरीक्षण किया और इस दौरान आईजीएमसी प्रशासन से कार्य की समीक्षा बैठक भी की। इस दौरान उन्हें जानकारी मिली कि आईजीएमसी के पास 80 लाख रुपए का बजट बचा हुआ है। इसको आईजीएमसी में इस्तेमाल किया जाना है और अस्पताल प्रशासन मरीजों की सुविधा के लिए प्रिंसीपल कार्यालय से न्यू ओपीडी तक दो नई लिफ्ट का निर्माण करना चाहना है और आपातकालीन वाहन के लिए एक रैंप का निर्माण करने की भी मांग है।
ऐसे में मेयर सुरेंद्र चौहान ने आईजीएमसी प्रशासन को निर्देश जारी किए कि इस कार्य को तुरंत किया जाए। आचार संहिता के बाद इन दोनों कार्यों के टेंडर किए जाएं और उसके बाद तुरंत यहां पर लिफ्ट और रैंप बनाने का कार्य शुरू किया जाए, ताकि मरीजों को यहां पर आने जाने की सुविधा मिल सके। बता दें कि यह सुविधा स्मार्ट सिटी के तहत बचे हुए पैसों से ही दी जाने वाली है। आईजीएमसी के मुख्य गेट से सभी वाहन अंदर आते हैं और न्यू ओपीडी में मरीज को पहुंचाने के लिए काफी समय लग जाता है, क्योंकि ओपीडी में लगी दो लिफ्ट हमेश व्यस्थ रहती है ऐसे में यहां पर यह दोनों लिफ्टों के सहारे ही मरीजों को न्यू ओपीडी तक पहुंचाया जाता है। इसके अलावा आपातकालीन वाहनों को जाने के लिए भी उपर की ओर से कोई रास्ता नहीं है। न्यू ओपीडी में जाने के लिए आपातकालिन वाहनों को ऑकलैंड से होकर न्यूओपीडी गेट तक जाम का सामना करते हुए जाना पड़ता है। वहीं,ख् मरीजों को भी पुरानी ईमारत से सिडिय़ों के रास्ते से न्यू ओपीडी तक पहुंचना पड़ता है। ऐसे में मरीजों को अपने टेस्ट और अन्य उपचार के लिए काफी भागदोड़ करनी पड़ती है।