ईरान के बंदरगाह में दो साल से फंसे दो भारतीयों को भारतीय दूतावास की मदद से रिहा कराया गया

ईरान (Iran) के बंदरगाह (Port) शहर बुशेर में पासपोर्ट (Passport) नहीं होने के कारण एक मालवाहक पोत पर वर्ष 2019 से फंसे दो भारतीय नाविकों को भारतीय दूतावास की मदद से रिहा कराया गया है.

Update: 2022-02-11 18:27 GMT

ईरान (Iran) के बंदरगाह (Port) शहर बुशेर में पासपोर्ट (Passport) नहीं होने के कारण एक मालवाहक पोत पर वर्ष 2019 से फंसे दो भारतीय नाविकों को भारतीय दूतावास की मदद से रिहा कराया गया है. मैरीटाइम यूनियन ऑफ इंडिया (एमयूआई) ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. हालांकि एमयूआई के दावे को स्वतंत्र रूप से सत्यापित नहीं किया जा सका है. यूनियन ने एक बयान में कहा, तेहरान में भारतीय दूतावास ने इन दोनों नाविकों के लिए यात्रा दस्तावेज जारी किए और एमयूआई ने आज मुंबई के लिए उनके हवाई टिकट की व्यवस्था की.

एमयूआई के अनुसार भारतीय नाविक अरहम शेख और आशीष सकपाल बंदर अब्बास बंदरगाह में मालवाहक पोत में काम के वास्ते सितंबर 2019 में टूरिस्ट वीजा पर मुंबई से ईरान के लिए रवाना हुए थे. बयान के अनुसार, इस यात्रा का प्रबंध मुंबई की एक एजेंसी ने किया था. इन नाविकों के ईरान में मालवाहक पोत पर पहुंचने के बाद पोत के मालिक और उसके स्थानीय एजेंट ने इन लोगों का पासपोर्ट ले लिया. बाद में उन्होंने दोनों का पासपोर्ट खो जाने की बात कही. इसके बाद से 'सी प्रिंसेज' नामक यह पोत उनके लिए चलती फिरती जेल बन गया,क्योंकि पासपोर्ट नहीं होने की सूरत में यह लोग वापस नहीं लौट सकते थे.आरोप है कि पोत के मालिक ने दोनों नाविकों को कम खाना-पानी दिया,साथ ही पोत में बिजली नहीं होने से इन लोगों का अपने परिवार से संपर्क भी टूट गया. बयान में दोनों नाविकों के हवाले से कहा गया, हमारे परिवारों ने 2020में एमयूआई से मदद मांगी. बयान में कहा गया कि आखिरकार इसके बाद एमयूआई के महासचिव अमर सिंह ठाकुर और वरिष्ठ कार्यकारी अकबर खान ने तेहरान में भारतीय राजदूत, नई दिल्ली में ईरानी राजदूत तथा अन्य लोगों से संपर्क किया.
ईरान पर लगे प्रतिबंधों में ढील से भारत को मिलेगा फायदा
बता दें कि ईरान पर लगे प्रतिबंधों को लेकर अमेरिका का नरम रुख भारत के लिये काफी सकारात्मक कदम साबित हो सकता है. प्रतिबंधों के हटने के संकेत मिलने का पहला सकारात्मक संकेत ब्रेंट क्रूड की कीमतों में गिरावट के रूप में सामने आया है. इससे साफ है कि बाजार भी समझ रहा है कि ईरान से प्रतिबंध हटने के साथ कच्चे तेल की सप्लाई बढ़ेगी जो कि भारत के राहत की बात है. इसके साथ ही भारत और ईरान के बीच व्यापारिक संबंध काफी मजबूत थे, जिस पर प्रतिबंधों का असर देखने को मिला था. नये बदलावों से उम्मीद है कि दोनो देशों के बीच एक बार फिर कारोबार तेजी पकड़ेगा.
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