दो भाई रहस्यमय तरीके से लापता, जंगल में भटके, 100 से ज्यादा ड्रोन कर रहे हैं तलाश

पुलिस के हाथ खाली.

Update: 2024-09-04 10:30 GMT
जयपुर: राजस्थान के जयपुर में दो सगे भाइयों के रहस्यमय तरीके से लापता होने की गुत्थी पुलिस के लिए अनसुलझी बनी हुई है. नाहरगढ़ की पहाड़ियों पर ट्रैकिंग के दौरान दोनों भाई अचानक भटक गए और जब तक मदद पहुंचती दोनों भाई अचानक गायब हो गए. हालांकि, पुलिस को छोटे भाई आशीष की डेथ बॉडी घने जंगलों में मिली है लेकिन बड़े भाई राहुल का कोई सुराग नहीं लगा है. पिछले तीन दिनों से जयपुर पुलिस, SDRF, NDRF, सिविल डिफेंस की टीमें ड्रोन और डॉग स्क्वाड की मदद से घने जंगल में सर्च ऑपरेशन चला रही है. लेकिन अभी भी हाथ खाली है. इधर, आशीष की भी मौत कैसे हुई, इसको लेकर के भी पुलिस के हाथ खाली है.
दरअसल, बीते रविवार को जयपुर के शास्त्रीनगर के रहने वाले राहुल (23) अपने छोटे भाई आशीष (21) के साथ नाहरगढ़ की पहाड़ियों पर ट्रैकिंग करते हुए मंदिर में दर्शन करने गए थे. जहां दोनों भाई रास्ता भटक गए और बिछड़ने के कुछ देर बात एक भाई ने अपने परिजनों को कॉल करके इसकी इत्तिला दी. थोड़ी देर बाद रास्ता मिलने की बात भी कही, लेकिन बाद में फिर दोनों भाई लापता हो गए. हालांकि, घरवाले देर शाम तक बच्चों का इंतजार करते रहे, लेकिन जब दोनों नहीं लौटे तो तुरंत शास्त्रीनगर पुलिस को सूचना दी. लेकिन पुलिस ने एकबारगी मामले को हल्के में ले लिया.
जब लोगों ने पुलिस थाने का घेराव किया तब पुलिस की टीमें पहाड़ी पर सर्च ऑपरेशन में जुटी. इसके बाद SDRF और सिविल डिफेंस की टीमें भी लाव लश्कर के साथ दोनों युवकों की तलाश में पहाड़ी छान मारी, तब जाकर पुलिस को एक भाई का शव पहाड़ियों में पड़ा मिला. जिसके सिर के पीछे गंभीर चोट के निशान है. लेकिन उसकी मौत कैसे हुई? यह अभी भी रहस्य बनी हुई है.
पुलिस थाने के बाहर धरने पर बैठे युवकों के पिता सुरेश शर्मा का कहना है, रविवार सुबह करीब 7 बजे आशीष और राहुल नाहरगढ़ पर चरण मंदिर में दर्शन करने जाने की कहकर घर से निकले थे. लेकिन करीब 1 बजे दोनों चरण मंदिर पहुंचने के बजाय रास्ता भटक गए और दोपहर बाद मोबाइल भी नेटवर्क कवरेज एरिया से बाहर हो गया. इसको लेकर पुलिस से मदद मांगी लेकिन नहीं मिली. जब तक पुलिस पहुंचती दोनों गायब हो गए. यही वजह है कि पुलिस की लापरवाही से आशीष की मौत हो गई और राहुल लापता है, जिसका तीन दिन बाद भी कोई सुराग नहीं.
वहीं, अन्य परिजनों ने शास्त्री नगर पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि रविवार दोपहर को ही पुलिस को दोनों लड़कों के लापता होने की जानकारी दी थी, लेकिन पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई और दूसरे थाने का इलाका बताते हुए रवाना कर दिया. शाम के समय परिजनों ने थाने पर एकत्रित होकर हंगामा किया तो पुलिस अधिकारी हरकत में आए.
पूरे प्रकरण को लेकर एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह शेखावत का कहना है कि 1 सितंबर को दोनों युवकों के लापता होने की सूचना मिली, जिसके बाद पुलिस टीमों ने सर्च अभियान चलाया. इस दौरान 2 सितंबर को आशीष नाम के युवक का शव पहाड़ियों में झाड़ियों के बीच में मिला. लेकिन दूसरे युवक के बारे में कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिली है. उसकी तलाश में पुलिस थानो की कई टुकड़िया, SDRF, NDRF, सिविल डिफेंस, वन विभाग के अलावा स्पेशल ब्रांच DST और CST के भी कमांडो दिन-रात तलाशी में जुटे हुए है.
वहीं, जंगलों में बकरियां चराने वाले पशुपालकों से भी पुलिस मदद ले रही है. हालांकि, एडिशनल डीसीपी ने थाने की लापरवाही मानते हुए कहा कि कुछ कमियां रही हैं. जांच करेंगे. लेकिन अभी सभी एजेंसियां दूसरे युवक की तलाश में जुटी हैं. उनका दावा है कि जल्द ही इस गुत्थी को सुलझा लेंगे. लेकिन कब? इसका जवाब किसी के पास नहीं है.
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