फर्जी वेबसाइटों से होटल बुकिंग के नाम पर ठगी, पुलिस ने 2 राज्यों से आरोपियों को पकड़ा

साइबर ठगी का पता लगाने के लिए पुलिस टीम ने 10 अतिरिक्त बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया और विभिन्न एटीएम के 40 से अधिक सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया।

Update: 2023-06-15 09:49 GMT

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नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने राजस्थान और उत्तराखंड से दो लोगों को गिरफ्तार कर साइबर ठगी करने वाले एक गिरोह का पदार्फाश किया है, जो फर्जी वेबसाइटों के जरिए होटल बुकिंग के नाम पर लोगों को ठगते थे। आरोपियों की पहचान राजस्थान के भरतपुर निवासी देवो सिंह (22) और उत्तराखंड के उधमसिंह नगर निवासी मान सिंह उर्फ मंगत (24) के रूप में हुई है।
पुलिस के मुताबिक दिलशाद गार्डन निवासी अंबिका प्रसाद शर्मा की ओर से शिकायत मिली थी कि अक्टूबर 2022 में वह गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर जाना चाहता था। विशेष पुलिस आयुक्त (अपराध) रवींद्र सिंह यादव ने बताया कि,अंबिका ने आवास के लिए होटलों की तलाशी ली और मोबाइल नंबर के साथ एक होटल - कोकिला धीरज धाम, द्वारका, गुजरात का ऑनलाइन विवरण प्राप्त किया। शिकायतकर्ता ने उक्त मोबाइल नंबर पर संपर्क किया और एक निर्मल ने खुद को होटल के प्रबंधक के रूप में पेश किया। उस व्यक्ति ने शिकायतकर्ता को धोखा दिया और 1,03,102 रुपये ले लिए।
जांच के दौरान, पुलिस टीम ने दो लाभार्थी खाताधारकों जगजीत और शिवम से पूछताछ की, उन्होंने बताया कि उनके बैंक खाते मान सिंह द्वारा खोले गए थे। यादव ने बताया, मान सिंह को गिरफ्तार किया गया, जिसने खुलासा किया कि उसने गरीब और अनपढ़ लोगों के बैंक खाते खोले थे। इसके बाद उसने इन खातों को एटीएम कार्ड, पासबुक और चेक बुक सहित साइबर ठगों को 10,000 रुपये प्रति बैंक खाते में बेच दिया।
साइबर ठगी का पता लगाने के लिए पुलिस टीम ने 10 अतिरिक्त बैंक खातों का विवरण प्राप्त किया और विभिन्न एटीएम के 40 से अधिक सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया। यादव ने कहा, तकनीकी विश्लेषण के बाद पता चला कि धोखेबाज जयपुर, राजस्थान में विभिन्न एटीएम से नकद राशि निकालते थे। एटीएम के फुटेज में दो व्यक्तियों को धोखाधड़ी की राशि निकालते देखा गया था। स्पेशल सीपी ने कहा, इसके बाद, देवो सिंह की पहचान की गई और उसे जयपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने खुलासा किया कि खुशी राम नाम के एक व्यक्ति के निर्देश पर, वह विभिन्न एटीएम से नकदी निकालता था। उसने अलग-अलग एटीएम से 10 दिनों के भीतर लगभग 10 लाख रुपये निकाले थे।
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