अमित शाह फेक वीडियो केस में दो आरोपी गिरफ्तार
क्राइम ब्रांच ने की बड़ी कार्रवाई
नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह फेक वीडियो केस में मंगलवार को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने बड़ी कार्रवाई की है। क्राइम ब्रांच ने कांग्रेस विधायक जिग्नेश मेवाणी के PA सतीश वंसोला समेत 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। दूसरा व्यक्ति आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता बताया जा रहा है। वहीं इस मामले को लेकर अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस ने उनका फेक वीडियो बनाकर वायरल किया, वो जनता को गुमराह कर रही है। शाह असम के गुवाहाटी में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने ओरिजिनल और फेक वीडियो प्ले किया।इस संबंध में साइबर क्राइम डीसीपी लवीना सिन्हा ने कहा कि इन दोनों आरोपियों ने पालनपुर और लिंकेडा के एक जागरूकता फैलाने वाले वीडियो को एडिट किया था। पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि ये दोनों आरोपी का संबंध राजनीतिक पार्टियों से है। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि वीडियो कहां से लिया गया और इसे किसने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि एडिटिंग किसने की। सतीश वंसोला ने अपने फेसबुक प्रोफाइल पर साझा किया। आरबी बारिया ने अपने फेसबुक हैंडल से वीडियो भी वायरल किया। कल पुलिस ने अपराध दर्ज कर लिया है। यह वीडियो संपादक के पास कैसे पहुंचा, इसकी जांच चल रही है। तेलंगाना की एक बैठक का वीडियो मिला है। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के डीपफेक वीडियो साझा करने के आरोप में महाराष्ट्र कांग्रेस (युवा) के सोशल मीडिया हैंडल के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इस मामले में मुंबई बीजेपी नेता प्रतीक करपे ने मुंबई पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। दरअसल सोशल मीडिया पर अमित शाह का भाषण देने वाला एक वीडियो काफी तेजी से वायरल हुआ जो फर्जी था। बता दें की 27 अप्रैल को सोशल मीडिया पर अमित शाह का एक फेक वीडियो वायरल हुआ। इसे तेलंगाना कांग्रेस और CM रेवंत रेड्डी ने शेयर किया था। इसमें वे SC-ST और OBC के आरक्षण को खत्म करने की बात करते दिख रहे हैं। PTI के फैक्ट चैक यूनिट ने कहा कि मूल वीडियो में अमित शाह ने तेलंगाना में मुसलमानों के लिए असंवैधानिक आरक्षण हटाने की बात कही थी। इस मामले को लेकर 28 अप्रैल को दिल्ली पुलिस ने मामले में FIR दर्ज की और तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी को समन जारी किया। उनसे 1 मई को पूछताछ होगी।