Twitter को दिल्ली हाईकोर्ट की दो टूक, नए IT नियमों के उल्लंघन पर केन्द्र कार्रवाई के लिए स्वतंत्र

नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को लेकर केन्द्र और ट्विटर के बीच चले आ रहे।

Update: 2021-07-08 11:32 GMT

नए सूचना प्रौद्योगिकी नियमों को लेकर केन्द्र और ट्विटर के बीच चले आ रहे विवादों के इतर दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरूवार को साफ लहजों में कह दिया है कि अगर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर किसी तरह का नए आईटी कानूनों का अगर उल्लंघन करता है तो केन्द्र सरकार कार्रवाई के लिए पूरी तरह से स्वतंत्र है. अब मामला 28 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है. दरअसल, अंतरिम अधिकारी की नियुक्ति को लेकर ट्विटर ने हलफनामा दायर किया था.

ट्विटर ने कहा- 8 हफ्ते में करेंगे शिकायत अधिकारी की नियुक्ति
इससे पहले, ट्विटर ने गुरूवार को दिल्ली हाईकोर्ट से कहा है कि वह आठ हफ्तों के भीतर शिकायत अधिकारी की नियुक्त करेगा. ट्विटर ने कोर्ट को ये भी बताया कि वह आईटी नियमों के अनुपालन के लिए भारत में एक संपर्क कार्यालय स्थापित करने की प्रक्रिया में है. यह कार्यालय उनका स्थायी होगा. ट्विटर के अंतरिम निवासी शिकायत अधिकारी, धर्मेंद्र चतुर ने 21 जून को अपना पद छोड़ दिया था, जिसके बाद ट्विटर ने कैलिफोर्निया स्थित जेरेमी केसल को भारत के लिए नया शिकायत अधिकारी नियुक्त किया था.

हालांकि, केसल की नियुक्ति नए आईटी नियमों के अनुरूप नहीं थी, क्योंकि इन नियमों में कहा गया है कि शिकायत निवारण अधिकारी सहित सभी नोडल अधिकारी भारत में होने चाहिए. ट्विटर के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में 28 मई को हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील अमित आचार्य ने शिकायत दर्ज कराई थी. दलील में कहा गया है कि ट्विटर एक 'महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ' है जैसा कि आईटी नियम, 2021 के तहत निर्धारित किया गया है और इसलिए इन नियमों के प्रावधानों द्वारा उस पर लगाए गए वैधानिक कर्तव्यों का अनुपालन सुनिश्चित करना चाहिए.
याचिका में तर्क दिया गया है कि प्रत्येक महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यस्थ के पास न केवल एक रेजीडेंट ग्रीवांस अधिकारी को नियुक्त करने की जिम्मेदारी है, जो एक निश्चित समय के भीतर शिकायतों को प्राप्त करने और निपटाने के लिए एक प्वाइंट प्राधिकरण के रूप में कार्य करेगा और सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी किसी भी आदेश, नोटिस और निर्देश को स्वीकार करें.
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