जयपुर। दिगंबर जैन धर्मावलंबियों द्वारा गुरुवार को सबसे बड़ा पर्व अनन्त चतुर्दशी मनाया जा रहा है। दिगंबर जैन धर्मावलंबियों के चल रहे दशलक्षण महापर्व में उत्तम ब्रह्मचर्य लक्षण मनाया गया। इसी के साथ दस दिवसीय दशलक्षण महापर्व का समापन होगा।
अभादिजैन परिषद के प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि चाकसू सहित जयपुर के दिगंबर जैन मंदिरों में हजारों श्रद्धालुओं ने निराहार रहकर उपवास किया। प्रात: भगवान की पूजा-अर्चना के बाद 12वें तीर्थंकर भगवान वासुपूज्य का मोक्ष कल्याणक दिवस मनाया गया। पूजा के दौरान मोक्ष का प्रतीक निर्वाण लाडू चढाया गया,दोपहर में चौबीस तीर्थंकरो की मंडल पर चौबीसी पूजा विधान से महार्चना की जाएगी।
गुरुवार को वीतराग धर्म का उत्तम ब्रह्मचर्य लक्षण मनाया गया। इस मौके पर प्रातः श्री जी के अभिषेक, शांतिधारा के बाद दशलक्षण धर्म में उत्तम ब्रह्मचर्य लक्षण की विधान मंडल पर अष्ट द्रव्य से पूजा अर्चना की गई।चातुर्मास स्थलों पर संतों एवं विद्वानों ने उत्तम ब्रह्मचर्य लक्षण पर प्रवचन दिया। सायकांल श्री जी के दशलक्षण समापन कलश होंगे। इसके बाद माल एवं महाआरती की जाएगी।
दिगम्बर जैन समाज के लोगों ने निराहार रहकर एक दिवस का उपवास रखा है। सैकड़ों श्रद्धालुओं ने तीन दिवसीय कर्म निर्झर तेला एवं रत्नत्रय व्रत व तेला की आराधना की। दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र शांतिनाथ जी की खोह में समाजसेवी राकेश जैन, विनोद जैन कोटखावदा एवं कमल वैद के नेतृत्व में चौबीस तीर्थंकरों की पूजा अर्चना की गई। इस मौके पर सुरेश काला, कैलाश बाकलीवाल, महावीर जैन,रेखा जैन,दीपिका जैन कोटखावदा,मंजू वैद सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए।