पूजा खेडकर को बड़ी राहत! सुप्रीम कोर्ट ने 14 फरवरी तक गिरफ्तारी पर रोक लगाई
New Delhi नई दिल्ली: यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए आरक्षण लाभ पाने के लिए अपने आवेदन में गलत जानकारी देने के आरोप में पूर्व आईएएस प्रशिक्षु अधिकारी पूजा खेडकर ने जमानत देने से इनकार करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया था। सुप्रीम कोर्ट ने पूजा खेडकर को बड़ी राहत देते हुए 14 फरवरी तक गिरफ्तारी से सुरक्षा दी है।
पूजा खेडकर को बड़ी राहत! सुप्रीम कोर्ट ने 14 फरवरी तक गिरफ्तारी से सुरक्षा दी
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को पूर्व आईएएस प्रोबेशनर पूजा खेडकर को 14 फरवरी तक गिरफ्तारी से सुरक्षा दी, जिन पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और गलत तरीके से ओबीसी और विकलांगता कोटा लाभ लेने का आरोप है।जस्टिस बी वी नागरत्ना और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने अग्रिम जमानत मांगने वाली खेडकर की याचिका पर दिल्ली सरकार और संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) को नोटिस जारी किया।मामले की सुनवाई 14 फरवरी को होगी। पूजा खेडकर ने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों का खंडन किया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने पूजा खेडकर को जमानत देने से इंकार कर दिया था। दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिसंबर में खेडकर को अग्रिम जमानत देने से इंकार कर दिया था। उन पर सिविल सेवा परीक्षा में धोखाधड़ी करने और ओबीसी तथा दिव्यांगता कोटे का गलत लाभ उठाने का आरोप है। दिल्ली पुलिस के वकील और शिकायतकर्ता यूपीएससी ने अग्रिम जमानत की याचिका का विरोध किया। यूपीएससी ने इससे पहले जुलाई में खेडकर के खिलाफ कई कार्रवाई की थी, जिसमें कथित तौर पर फर्जी पहचान के आधार पर सिविल सेवा परीक्षा में शामिल होने के आरोप में आपराधिक मामला दर्ज करना भी शामिल था। दिल्ली पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। उच्च न्यायालय ने 12 अगस्त को अग्रिम जमानत याचिका पर नोटिस जारी करते हुए खेडकर को गिरफ्तारी से अंतरिम संरक्षण प्रदान किया था और समय-समय पर इसे बढ़ाया भी गया था।